**भिलाई स्टील प्लांट की क्रांतिकारी पहल: चिमनी की गैस से बनेगा एथेनॉल, हर साल 2.30 लाख टन कार्बन उत्सर्जन होगा कम!**
भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। स्टील उत्पादन के दौरान चिमनियों से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) गैस को अब एथेनॉल में बदला जाएगा। इस नवाचार से न केवल प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि बीएसपी को अतिरिक्त आय भी होगी। इसके लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने श्रीराम कंपनी के साथ करार किया है, और ट्रायल शुरू हो चुका है।
### **कैसे बनेगा एथेनॉल?**
बीएसपी प्रबंधन के अनुसार, ट्रायल सफल होने के बाद हर 25 टन CO2 गैस से 2.5 टन एथेनॉल तैयार होगा। देश में स्टील उद्योग का कार्बन उत्सर्जन में 12% योगदान है। इस पहल से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और वायु प्रदूषण घटेगा। साथ ही, खुले बाजार में एथेनॉल बेचकर बीएसपी को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा, जिससे स्टील की कीमतें भी कम हो सकती हैं।
### **कार्बन उत्सर्जन कम करने की त्रि-आयामी रणनीति**
बीएसपी ने कार्बन फुटप्रिंट घटाने के लिए तीन प्रमुख कदम उठाए हैं:
1. **थर्मल पावर प्लांट में गैस का उपयोग**
बीएसपी के थर्मल पावर प्लांट में कोयले की जगह स्टील उत्पादन के दौरान निकलने वाली गैस का उपयोग बढ़ाया जाएगा। इससे टर्बाइन चलाने में मदद मिलेगी और कोयले की खपत कम होगी। अनुमान है कि इससे हर साल **2.30 लाख टन CO2 उत्सर्जन** कम होगा।
2. **ब्लास्ट फर्नेस में गैस का पुन: उपयोग**
कोक, आयरन ओर और चूना पत्थर को पिघलाने के लिए ब्लास्ट फर्नेस में उच्च तापमान चाहिए। अब फर्नेस में निकलने वाली गैस को ही ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इससे ऊर्जा दक्षता बढ़ेगी और प्रदूषण कम होगा।
3. **सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन**
बीएसपी अपनी सामान्य बिजली जरूरतों (जैसे रोशनी, एसी, पंखे, पानी) के लिए **70 मेगावाट** के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर रहा है। प्रति मेगावाट सौर प्लांट से हर साल **980 टन CO2 उत्सर्जन** कम होने की उम्मीद है।
### **वैश्विक संदर्भ में बीएसपी की स्थिति**
स्टील उत्पादन में कार्बन उत्सर्जन एक वैश्विक चुनौती है। यूरोप की रुक्की कंपनी प्रति टन स्टील पर 1.8-2.3 टन CO2 उत्सर्जन के साथ अग्रणी है। बीएसपी भी इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। कोयला, आयरन ओर और चूना पत्थर को गलाने के दौरान निकलने वाली गैसों को पहले ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता था, और अब एथेनॉल उत्पादन इस प्रयास को और मजबूत करेगा।
### **पर्यावरण और अर्थव्यवस्था का दोहरा लाभ**
यह पहल न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि बीएसपी को आर्थिक रूप से भी सशक्त बनाएगी। एथेनॉल की बिक्री से होने वाली आय स्टील की कीमतों को प्रतिस्पर्धी बनाएगी। यह कदम भारत के हरित भविष्य और सतत विकास के लक्ष्यों को मजबूत करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
**भिलाई स्टील प्लांट की यह पहल न सिर्फ तकनीकी नवाचार का प्रतीक है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।**