शहर के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक राइस मिल में सोमवार की देर रात भीषण आग लग गई। आग की लपटें इतनी तेज़ थीं कि कुछ ही पलों में पूरे परिसर को अपनी चपेट में ले लिया। मिल के अंदर रखे सैकड़ों बारदाने (चावल के बोरे) और अन्य ज्वलनशील सामान के कारण आग ने तेजी से विकराल रूप धारण कर लिया। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंची और घंटों की मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पाया जा सका।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह आग रात करीब 11:45 बजे लगी, जब अधिकांश कर्मचारी मिल से बाहर जा चुके थे। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को आग लगने का संभावित कारण बताया जा रहा है, हालांकि इस संबंध में अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग की टीमें सक्रिय हो गईं और तत्काल मौके पर पहुंच कर बचाव एवं राहत कार्य शुरू कर दिया गया।
तेजी से फैली आग ने बढ़ाया खतरा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सबसे पहले मिल के अंदर एक कोने से धुआं उठता दिखाई दिया। कुछ ही देर में आग की लपटें दिखाई देने लगीं, जो बहुत तेज़ी से फैलने लगीं। मिल में बड़ी मात्रा में चावल, बारदाने, लकड़ी की पैकिंग सामग्री और अन्य ज्वलनशील वस्तुएं मौजूद थीं, जिसके कारण आग ने भयानक रूप ले लिया। देखते ही देखते आग बारदानों तक जा पहुंची, जिससे लपटें और अधिक तेज़ हो गईं और दमकल कर्मियों के लिए स्थिति नियंत्रित करना कठिन हो गया।
दमकल विभाग की तत्परता से टला बड़ा हादसा
रात करीब 12 बजे दमकल विभाग की पहली गाड़ी मौके पर पहुंची। इसके बाद एक-एक करके कुल छह दमकल गाड़ियां आग बुझाने में जुट गईं। विभाग के अधिकारी के अनुसार, आग की भीषणता को देखते हुए अतिरिक्त टीमें भी बुलानी पड़ीं। करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत और रणनीतिक प्रयासों के बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया जा सका।
फायर ब्रिगेड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “अगर समय पर आग को नहीं रोका जाता, तो यह आसपास के अन्य गोदामों और फैक्ट्रियों तक फैल सकती थी। समय रहते नियंत्रण करने से एक बड़ा औद्योगिक हादसा टल गया।”
सौभाग्य से नहीं हुई जनहानि
राहत की बात यह रही कि आग लगने के समय अधिकतर कर्मचारी परिसर से बाहर थे, जिससे किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। हालांकि, मिल के अंदर मौजूद दो कर्मचारियों को दम घुटने की शिकायत के चलते अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई गई है। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने मिल के आसपास के क्षेत्रों को तत्काल खाली करा लिया और आसपास की बिजली आपूर्ति को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया, जिससे किसी और अनहोनी की आशंका को रोका जा सके।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत एक जांच टीम गठित कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि यह देखा जाएगा कि क्या मिल में अग्निशमन के पर्याप्त इंतजाम थे या नहीं। यदि सुरक्षा मानकों का उल्लंघन हुआ है, तो मिल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश
आग लगने की घटना के बाद स्थानीय निवासियों में भय और आक्रोश देखा गया। उनका कहना है कि मिल के आसपास कई रिहायशी इलाके हैं और ऐसे औद्योगिक प्रतिष्ठानों में आग लगने से हमेशा एक बड़ा खतरा बना रहता है। लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि ऐसे सभी कारखानों की सुरक्षा व्यवस्था की नियमित जांच की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
नुकसान का आकलन जारी
प्रशासन और मिल प्रबंधन के अनुसार, आग से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। चावल के सैकड़ों बोरे, मशीनरी, पैकिंग सामग्री और गोदाम का बड़ा हिस्सा जलकर खाक हो गया है। हालांकि, अंतिम नुकसान का आंकलन विस्तृत जांच के बाद ही सामने आ पाएगा।