कोरबा (छत्तीसगढ़), 13 मई 2025 — कोरबा जिले में एक बुजुर्ग महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। महिला का शव उनके ही घर में फांसी के फंदे से लटका मिला। हैरानी की बात यह है कि महिला के चेहरे पर चोट के स्पष्ट निशान पाए गए हैं, जिससे आत्महत्या की थ्योरी पर सवाल उठने लगे हैं। मामला जिले के दर्री थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कुदरीपारा इलाके का है।
मृतका की पहचान 68 वर्षीय सविता बाई साहू के रूप में हुई है, जो बीते कुछ वर्षों से अपनी बेटी और दामाद के साथ रह रही थीं। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है और हर एंगल से पूछताछ की जा रही है।
संदिग्ध परिस्थितियों में मिली लाश
स्थानीय लोगों और पड़ोसियों से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार रात करीब 9 बजे जब परिवार के अन्य सदस्य खाना खा चुके थे, तब सविता बाई अपने कमरे में चली गई थीं। अगली सुबह जब दरवाजा नहीं खुला तो बेटी और दामाद ने दरवाजा खटखटाया। कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर दरवाजा तोड़ा गया तो भीतर का दृश्य देखकर उनके होश उड़ गए। सविता बाई का शव कमरे के भीतर एक साड़ी से बने फंदे से झूल रहा था।
चेहरे पर चोट के निशान, आत्महत्या या हत्या?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शव को जब नीचे उतारा गया, तब महिला के चेहरे और होंठों पर गंभीर चोट के निशान पाए गए। साथ ही शरीर पर भी खरोंच जैसे चिन्ह मिले हैं। इससे प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या नहीं बल्कि कुछ और प्रतीत हो रहा है। हालांकि, पुलिस अधिकारी यह भी कह रहे हैं कि जब तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आ जाती, किसी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाजी होगी।
दर्री थाना प्रभारी राकेश पटेल ने बताया कि, "मृतका के चेहरे पर जो चोट के निशान हैं, उन्हें गंभीरता से लिया जा रहा है। घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। परिवार के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है। मृतका की बेटी और दामाद से भी विस्तृत बयान लिए जा रहे हैं।"
पड़ोसियों के बयान से उठे नए सवाल
पड़ोसियों का कहना है कि सविता बाई शांत स्वभाव की महिला थीं और किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करती थीं। हालांकि, कुछ लोगों ने यह भी दावा किया कि पिछले कुछ दिनों से घर में बहस और कहासुनी की आवाजें सुनाई देती थीं। एक पड़ोसी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, “दो-तीन दिन पहले भी घर से जोर-जोर से चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं। शायद किसी बात को लेकर विवाद हुआ था।”
बेटी-दामाद के रिश्ते पर भी जांच
पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या बुजुर्ग महिला के साथ किसी प्रकार की घरेलू हिंसा या मानसिक प्रताड़ना की जा रही थी। सूत्रों की मानें तो मृतका की बेटी रजनी (बदला हुआ नाम) और दामाद रामेश्वर (बदला हुआ नाम) के बीच आपसी संबंध सामान्य नहीं थे। कई बार सविता बाई उनके विवादों का केंद्र बन जाती थीं।
शव को भेजा गया पोस्टमॉर्टम के लिए
पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि मौत फांसी लगने से हुई है या पहले किसी और तरह से हमला किया गया और बाद में मामला आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई है। मौके से फोरेंसिक टीम ने भी साक्ष्य जुटाए हैं।
परिजन की भूमिका संदिग्ध
फिलहाल पुलिस मृतका के परिवार के सभी सदस्यों से पूछताछ कर रही है। मोबाइल कॉल डिटेल्स और घर के भीतर मौजूद सीसीटीवी कैमरों (यदि कोई हैं) की भी जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि मामले में कोई भी निष्कर्ष जल्दबाजी में नहीं निकाला जाएगा, लेकिन चेहरे पर मौजूद चोट के निशान पूरी घटना को संदिग्ध बनाते हैं।
इलाके में फैली सनसनी
इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है। बड़ी संख्या में लोग मृतका के घर के पास जमा हो गए। लोगों के मन में सवाल हैं कि आखिर एक बुजुर्ग महिला जो अपनी बेटी-दामाद के साथ रहती थी, वह क्यों आत्महत्या करेगी? और अगर यह हत्या है, तो किसने और क्यों की?
पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है और कहा है कि दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, इस मामले ने एक बार फिर बुजुर्गों की सुरक्षा और पारिवारिक रिश्तों में बढ़ती संवेदनहीनता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।