कोरबा, छत्तीसगढ़। पुलिस ने एक युवक को नाबालिग स्कूली छात्रा को ब्लैकमेल करने और उसके परिवार को परेशान करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी ने छात्रा का अश्लील फोटो बनाकर उसे और उसके परिवार को धमकाने का प्रयास किया, जिसके बाद पीड़िता के परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। घटना सामने आने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर आरोपी को पकड़ लिया।
घटना की जानकारी
पुलिस के अनुसार, आरोपी युवक पीड़िता के स्कूल के आसपास मिला और उससे दोस्ती करने की कोशिश की। कुछ दिनों बाद उसने छात्रा को किसी बहाने से अकेले में बुलाया और उसका अश्लील वीडियो बना लिया। इसके बाद उसने छात्रा और उसके परिवार को धमकी देते हुए पैसे की मांग की। आरोपी ने धमकी दी कि अगर उसकी बात नहीं मानी गई तो वह वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा।
पीड़िता ने शुरू में डर के कारण घरवालों को इस बारे में नहीं बताया, लेकिन जब आरोपी का दबाव बढ़ने लगा, तो उसने अपने माता-पिता को सारी बात बताई। परिवार ने तुरंत कोरबा पुलिस से संपर्क किया और आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज की और आरोपी की तलाश शुरू कर दी। तकनीकी साक्ष्यों और स्थानीय जानकारियों के आधार पर पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार किया। पुलिस ने उसके मोबाइल फोन से जब्त सामग्री को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी पर यौन उत्पीड़न, ब्लैकमेलिंग और साइबर अपराध के तहत मामला दर्ज किया गया है। उसे जेल भेज दिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
परिवार ने पुलिस का जताया आभार
पीड़िता के परिवार ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और कहा कि अगर पुलिस ने समय रहते आरोपी को नहीं पकड़ा होता, तो उनकी बेटी और परिवार को गंभीर मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ सकती थी। परिवार ने अन्य माता-पिता से भी सतर्क रहने की अपील की है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
साइबर क्राइम के खिलाफ सतर्कता जरूरी
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग से नाबालिगों को खतरा बढ़ रहा है। साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभिभावकों को बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए और उन्हें सुरक्षा के बारे में जागरूक करना चाहिए।
पुलिस ने भी नाबालिगों को साइबर अपराधों से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया है। इसके तहत स्कूलों और कॉलेजों में सेमिनार आयोजित किए जाएंगे, जहां बच्चों को साइबर सुरक्षा के बारे में जानकारी दी जाएगी।