दुर्ग, 20 मई 2025 — बहुचर्चित शराब घोटाले में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए आज सुबह करीब 4 बजे एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) की संयुक्त टीमों ने छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले सहित विभिन्न स्थानों पर एक साथ दबिश दी। इस रेड का मुख्य केंद्र दुर्ग रहा, जहां कवासी लखमा के करीबियों और रिश्तेदारों के ठिकानों पर विशेष निगरानी और तलाशी अभियान चलाया गया।
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ में हुए करोड़ों रुपये के शराब घोटाले की कड़ी जांच का हिस्सा है, जिसमें सरकारी और निजी शराब बिक्री के जरिए कथित रूप से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अवैध लेन-देन का आरोप है। बताया जा रहा है कि कुल मिलाकर प्रदेशभर में 20 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिनमें से अकेले दुर्ग और उसके आसपास के क्षेत्रों में 10 से ज्यादा स्थान शामिल हैं।
कार्रवाई की शुरुआत सुबह 4 बजे
EOW और ACB की टीमें अंधेरे में ही एक्शन मोड में आ गई थीं। पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के साथ सिविल ड्रेस में पहुंचे अधिकारी कई बस्तियों और कॉलोनियों में दाखिल हुए। इस पूरी कार्रवाई को बेहद गोपनीय रखा गया था ताकि किसी तरह की सूचना लीक न हो सके। स्थानीय लोगों के अनुसार, कई इलाकों में सुबह-सुबह पुलिस की भारी मौजूदगी देखी गई जिससे अफरातफरी का माहौल बन गया।
कवासी लखमा के करीबियों के ठिकानों पर सघन जांच
रेड की सबसे अहम बात यह रही कि यह उन लोगों के घरों, ऑफिसों और व्यावसायिक संस्थानों पर की गई, जिनके संबंध कवासी लखमा से बताए जा रहे हैं। कवासी लखमा राज्य के पूर्व आबकारी मंत्री रहे हैं और उन पर पहले से ही शराब घोटाले में संलिप्तता के आरोप लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, उनके एक करीबी रिश्तेदार के दुर्ग स्थित निवास से महत्वपूर्ण दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल फोन और कुछ संदिग्ध नकद राशि जब्त की गई है।
डिजिटल उपकरणों की जब्ती और डाटा एनालिसिस
EOW अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान कई जगहों से डिजिटल डिवाइस जैसे हार्ड डिस्क, कंप्यूटर, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। इन डिवाइसों का डाटा अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा जिससे यह पता लगाया जा सके कि इनका उपयोग घोटाले से संबंधित लेन-देन और संपर्कों में तो नहीं हुआ।
शराब व्यापार से जुड़े ठेकेदारों पर भी शिकंजा
कार्रवाई केवल राजनैतिक व्यक्तियों और उनके करीबियों तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन शराब ठेकेदारों पर भी केंद्रित रही जो इस घोटाले में संदेह के घेरे में हैं। दुर्ग के दो बड़े शराब ठेकेदारों के प्रतिष्ठानों पर तलाशी के दौरान कुछ कच्चे बिल, बिना रसीद वाले ट्रांजैक्शन दस्तावेज और कथित ‘ब्लैक डायरी’ भी मिली है, जिसमें रोजाना की बिक्री और कमीशन के लेखाजोखा दर्ज हैं।
पुलिस और प्रशासन रहे सतर्क
छापेमारी के दौरान स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन की टीम पूरी तरह सतर्क रही। किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया था। इसके अलावा, मीडिया को घटनास्थल से दूर रखा गया ताकि कार्रवाई में कोई बाधा न आए।
अगले चरण में और नाम सामने आने की संभावना
EOW सूत्रों का कहना है कि यह छापेमारी अभियान शराब घोटाले की जांच का महज एक हिस्सा है। आने वाले दिनों में इस घोटाले से जुड़े और नामचीन लोगों पर कार्रवाई की जा सकती है। इस केस में अब तक दर्जनों लोगों से पूछताछ हो चुकी है और कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। अब मामले में आर्थिक अनियमितताओं के साथ-साथ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच भी शुरू कर दी गई है।
राजनीतिक हलचल तेज
इस रेड के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई को ‘देर से उठाया गया सही कदम’ बताया है, वहीं सत्तारूढ़ पार्टी के कुछ नेताओं ने इसे ‘राजनीतिक बदले की कार्रवाई’ करार दिया है। कवासी लखमा ने फिलहाल इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।