महिला पुलिसकर्मियों को भी मिली नई जिम्मेदारी, ट्रैफिक व्यवस्था पर पड़ा असर
दुर्ग, छत्तीसगढ़। जिले के एसएसपी विजय अग्रवाल एक बार फिर अपनी सक्रिय और सख्त कार्यशैली को लेकर चर्चा में हैं। जिले में पुलिसिंग को दुरुस्त करने और कार्यप्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में उन्होंने एक महीने के भीतर तीसरी बार बड़े पैमाने पर ट्रांसफर लिस्ट जारी की है। 8 जून को जारी इस आदेश में कुल 119 पुलिसकर्मियों का तबादला किया गया है, जिनमें एक एसआई, 26 एएसआई, 12 प्रधान आरक्षक और 80 आरक्षक शामिल हैं।
इस बार की लिस्ट में खास बात यह रही कि बड़ी संख्या में महिला पुलिसकर्मियों को भी नई जिम्मेदारियां दी गई हैं। इससे पहले 17 और 18 मई को भी एसएसपी अग्रवाल द्वारा क्रमशः 12 और 53 पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर किया गया था। लगातार हो रहे इन फेरबदल से विभाग में हलचल तेज है।
ट्रैफिक व्यवस्था पर दिखा असर
पुलिस महकमे में लगातार हो रहे ट्रांसफर का सीधा असर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर देखने को मिल रहा है। अनुभवी ट्रैफिक स्टाफ के थानों में स्थानांतरण के बाद नए स्टाफ को ट्रैफिक ड्यूटी की जिम्मेदारी दी गई है, जिनका इस क्षेत्र में अनुभव सीमित है। इसके चलते प्रमुख चौराहों और व्यस्त इलाकों में यातायात व्यवस्था पहले से अधिक अस्त-व्यस्त नजर आ रही है।
क्राइम ब्रांच और साइबर सेल में नए चेहरों की तैनाती
एसएसपी अग्रवाल के इस निर्णय से पुलिस लाइन में तैनात कई अधिकारियों और कर्मचारियों को नए थानों में जिम्मेदारी मिली है। वहीं कुछ नए और युवा चेहरों को क्राइम ब्रांच और साइबर सेल जैसे अहम विभागों में मौका दिया गया है। यह बदलाव न केवल विभाग के भीतर कार्य के प्रति नई ऊर्जा लाएगा, बल्कि आने वाले समय में पुलिसिंग की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद भी जताई जा रही है।
अनुभव बढ़ाने की रणनीति
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह फेरबदल केवल प्रशासनिक नहीं बल्कि रणनीतिक भी है। क्राइम ब्रांच और साइबर जैसे तकनीकी विभागों में नए अधिकारियों को काम करने का मौका देकर उनका अनुभव बढ़ाया जा रहा है। इससे भविष्य में प्रशिक्षित और अनुभवी स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
विभाग में मिली-जुली प्रतिक्रिया
जहां कुछ पुलिसकर्मी इस कदम को करियर ग्रोथ और अवसर के रूप में देख रहे हैं, वहीं कई अनुभवी कर्मियों का मानना है कि बार-बार के ट्रांसफर से काम की निरंतरता और स्थायित्व प्रभावित हो सकता है। हालांकि वरिष्ठ नेतृत्व का मानना है कि यह बदलाव लंबे समय में विभाग के लिए लाभकारी सिद्ध होंगे।