कोविड का नया वैरिएंट बना जोखिम: स्मोकर्स और डायबिटिक मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक, छत्तीसगढ़ में 15 एक्टिव केस


 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोविड के नए वैरिएंट JN.1 को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। राज्य में वर्तमान में कुल 19 एक्टिव केस हैं, जिनमें से अकेले 13 रायपुर जिले में मिले हैं। इसके अलावा दुर्ग में 3, बिलासपुर में 2 और बस्तर में 1 एक्टिव मरीज हैं। मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार यह वैरिएंट पूर्ववर्ती कोविड वेरिएंट्स की तुलना में कम घातक है, लेकिन विशेष रूप से डायबिटीज के रोगियों और चेन स्मोकर्स के लिए यह अधिक खतरनाक साबित हो सकता है।

मरीज होम आइसोलेशन में हो रहे ठीक, गंभीर केस नहीं

मेकाहारा (रायपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल) के पल्मोनरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. आर.के. पांडा ने बताया कि अब तक किसी भी मरीज की स्थिति गंभीर नहीं हुई है और अधिकांश संक्रमित होम आइसोलेशन में रहकर स्वस्थ हो रहे हैं। कोविड ओपीडी की शुरुआत 28 मई से हो चुकी है और अब तक 31 लोगों का RTPCR टेस्ट किया गया है।

ऑक्सीजन प्लांट बंद, सिस्टम पर दबाव बढ़ने का खतरा

रायपुर के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट बंद होने की वजह से भविष्य में संकट गहराने की आशंका जताई जा रही है। कोविड की पिछली लहर के दौरान पीएम केयर फंड से जो ऑक्सीजन प्लांट DKS, आयुर्वेदिक कॉलेज और अंबेडकर अस्पताल में स्थापित किए गए थे, वे फिलहाल बंद हैं। DKS अस्पताल को लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट के लिए CGMSC से अब तक एनओसी नहीं मिल पाई है। अस्पताल के एकमात्र चालू प्लांट की क्षमता 900 लीटर प्रति मिनट है, जो सिर्फ 60% डिमांड पूरी कर पा रहा है। बाकी 40% आपूर्ति प्राइवेट एजेंसी से सिलेंडर खरीदकर पूरी की जा रही है।

ऑक्सीजन की बढ़ती लागत: सिलेंडर का मासिक खर्च 16 लाख रुपए

DKS अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. हेमंत शर्मा के मुताबिक, पिछले दो वर्षों में अस्पताल ने करीब 3.84 करोड़ रुपए सिर्फ ऑक्सीजन सिलेंडर पर खर्च किए हैं। वर्तमान में हर महीने लगभग 16 लाख रुपए सिलेंडर खरीद पर ही खर्च हो रहे हैं। कोविड केसों में यदि अचानक वृद्धि होती है, तो सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता चुनौती बन सकती है।

प्रदेश में अब तक 44 मौतें, देश के अधिकांश राज्यों में फैला JN.1

देशभर में JN.1 वैरिएंट के कारण अब तक 4,302 मरीज सामने आ चुके हैं और 44 से अधिक मौतें दर्ज की गई हैं। हालांकि मृत्युदर (फैटेलिटी रेट) सिर्फ 2% है। छत्तीसगढ़ में हालांकि अभी तक कोई मृत्यु रिपोर्ट नहीं हुई है।

जीनोम सीक्वेंसिंग के सैंपल AIIMS भेजे जाएंगे

स्वास्थ्य विभाग ने संकेत दिए हैं कि जरूरत पड़ने पर संदिग्ध मरीजों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए AIIMS रायपुर भेजे जाएंगे। इसके साथ ही मितानिनों के जरिए गांव और शहरी क्षेत्रों में लक्षणों की रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने की व्यवस्था की जा रही है। अस्पतालों को आवश्यक दवाइयां और सुरक्षा उपकरण पहले से तैयार रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।

ट्रैवल हिस्ट्री नहीं, फिर भी फैलाव तेज

हाल ही में मिले 4 नए मामलों में किसी भी मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री सामने नहीं आई है, जिससे संक्रमण के स्थानीय स्तर पर फैलने की आशंका जताई जा रही है। राज्य के 13 मरीजों में से 12 को होम क्वारंटाइन किया गया है, जबकि 1 मरीज निजी अस्पताल में भर्ती है।

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