डेंटल चेयर खरीदी में बड़ा घोटाला: बिना डॉक्टर वाले अस्पतालों में करोड़ों की मशीनें भेजी गईं, एक चेयर तक गायब


 

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में डेंटल चेयर की खरीदी को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। बिना ज़रूरत और बिना दंत चिकित्सकों की पोस्टिंग वाले अस्पतालों में करोड़ों रुपए की मशीनें भेज दी गईं। विभाग ने वर्ष 2022 में 2.15 लाख रुपये प्रति यूनिट की दर से कुल 252 डेंटल चेयर की खरीदी की, जिन पर कुल 5 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए। हैरानी की बात यह है कि राज्य में फिलहाल डेंटिस्ट के केवल 141 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 48 पद पहले से ही खाली हैं।

जहां डॉक्टर नहीं, वहां भेज दी चेयर

कई ऐसे हेल्थ सेंटरों में डेंटल चेयर भेज दी गई, जहां दांतों के डॉक्टर तैनात ही नहीं हैं। रायपुर के हीरापुर स्वास्थ्य केंद्र में दो साल से मशीन की पैकिंग तक नहीं खोली गई है। वहीं भाठागांव सेंटर में बलौदाबाजार से हफ्ते में दो दिन के लिए डेंटिस्ट बुलाकर इलाज करवाया जा रहा है। दुर्ग में तो स्थिति और भी चौंकाने वाली रही—एक डेंटल चेयर की पैकिंग खोलने पर पता चला कि उसमें कंप्रेशर ही नहीं है, जो मशीन का सबसे जरूरी हिस्सा होता है। इसके अलावा, एक चेयर खुर्सीपार से सीएचसी रिसाली भेजने के दौरान गायब हो गई।

खरीदी का खेल: फिर से मोक्षित कार्पोरेशन का नाम

इस खरीदी का सीधा संबंध रीएजेंट घोटाले में जेल में बंद मोक्षित कार्पोरेशन और उसके डायरेक्टर शशांक चोपड़ा से जुड़ता है। वर्ष 2017-18 में स्वास्थ्य विभाग में कंपनी की एंट्री हुई थी, लेकिन 2019 के बाद कंपनी ने सप्लाई सिस्टम पर पूरा नियंत्रण बना लिया था। बताया जा रहा है कि मशीनों की सप्लाई, टेंडर प्रक्रिया और जरूरतों का आकलन तक मोक्षित कंपनी ही तय कर रही थी।

मैदान की ज़रूरतों से बेखबर अधिकारी

अधिकारियों ने जमीन पर ज़रूरत की पड़ताल किए बिना ही टेंडर जारी कर खरीदी कर दी। उसके बाद चेयरें उन अस्पतालों में भेज दी गईं जहां डॉक्टर ही नहीं हैं। इस पूरे सिस्टम ने सरकारी पैसे की खुली बर्बादी और भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है।

प्रदेशभर में चेयरें, डॉक्टर नहीं

राज्य के गरियाबंद, मैनपुर, महासमुंद, धमतरी, बस्तर, दंतेवाड़ा, बलौदाबाजार, जांजगीर-चांपा, बेमेतरा, कवर्धा, जशपुर और रायगढ़ जैसे जिलों के कई प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डेंटल चेयरें भेजी गई हैं, लेकिन वहां न तो डेंटिस्ट हैं, न ही इलाज की कोई सुविधा चालू है।

मंत्री का बयान: दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा कि –
"डेंटल चेयर की खरीदी में भारी गड़बड़ी सामने आई है। रीएजेंट घोटाले की तरह इसकी भी गहन जांच कराई जाएगी। जिस भी अधिकारी या कंपनी की भूमिका संदिग्ध पाई गई, उसे छोड़ा नहीं जाएगा।"

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