रायपुर, 8 जून 2025 — छत्तीसगढ़ सरकार ने सुशासन, आर्थिक दक्षता और जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से IIM रायपुर में चिंतन शिविर 2.0 की शुरुआत की है। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी पूरी कैबिनेट हिस्सा ले रही है। शिविर का मकसद है – जनता से जुड़े कार्यों में बजट का प्रभावी उपयोग, दीर्घकालिक योजना निर्माण और सुशासन की आधुनिक अवधारणाओं को आत्मसात करना।
इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य और देश के प्रमुख वित्त विशेषज्ञ संजीव सान्याल मंत्रियों को मास्टरक्लास दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि कैसे सरकार सीमित संसाधनों में भी अधिकतम प्रभाव उत्पन्न कर सकती है। साथ ही यह भी कि राजकोषीय अनुशासन और नवाचार के जरिए जनता की भलाई कैसे सुनिश्चित की जा सकती है।
विशेषज्ञों से सजी हुई टीम दे रही है मार्गदर्शन
इस प्रशिक्षण शिविर में देश के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ अपनी बात रख रहे हैं:
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डॉ. विनय सहस्रबुद्धे – पूर्व अध्यक्ष, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद
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प्रो. हिमांशु राय – निदेशक, IIM इंदौर
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डॉ. रविंद्र ढोलकिया – IIM अहमदाबाद के वरिष्ठ प्रोफेसर और नीति विशेषज्ञ
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उदय माहुरकर – वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक
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डॉ. राजेंद्र प्रताप गुप्ता – वैश्विक डिजिटल हेल्थ विशेषज्ञ
इन विशेषज्ञों द्वारा "परिवर्तनकारी नेतृत्व और दूरदर्शी शासन", "सुशासन और राष्ट्र निर्माण", तथा "सक्षमता से सततता तक" जैसे विषयों पर गहन चर्चा की जा रही है।
मंत्रियों का अनुशासित दिनचर्या
चिंतन शिविर में मंत्री वर्ग किसी छात्र की तरह जीवनशैली अपना रहे हैं। कई मंत्री IIM परिसर में ही रात्रि विश्राम कर रहे हैं, सुबह योगाभ्यास कर दिन की शुरुआत कर रहे हैं और फिर पूरे दिन सत्रों में भाग ले रहे हैं। इस अनुभव को सरकार एक अवसर के रूप में देख रही है, जिससे प्रशासनिक निर्णयों में पारदर्शिता, दक्षता और दीर्घकालिक दृष्टिकोण सुनिश्चित किया जा सके।
जनता से जुड़े फैसलों में आएगी गुणवत्ता
सरकार का कहना है कि इस प्रकार की ट्रेनिंग से मंत्रियों में व्यावसायिक सोच, संसाधन प्रबंधन और जवाबदेही की भावना मजबूत होगी। इससे न केवल सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर होगा, बल्कि जनता को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा।