भूपेश बघेल का सरकार और एजेंसियों पर निशाना, महादेव ऑनलाइन सट्टा मामले में फिर उठाए सवाल


 

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महादेव ऑनलाइन सट्टा प्रकरण को लेकर एक बार फिर राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने अपने ताज़ा बयान में आरोप लगाया कि लाख कोशिशों और जांच एजेंसियों की कार्रवाई के बावजूद महादेव सट्टा नेटवर्क का संचालन खुलेआम जारी है।

भूपेश बघेल ने कहा कि अब तो इस नेटवर्क के विज्ञापन भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दिखने लगे हैं, जो इस बात का सबूत है कि इसे कहीं न कहीं से राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है। उन्होंने सवाल किया कि “आखिर इस अवैध नेटवर्क को संरक्षण कौन दे रहा है — केंद्रीय गृहमंत्री या छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री? क्या कार्रवाई सिर्फ कुछ चुनिंदा लोगों के खिलाफ बयानबाज़ी तक सीमित रहेगी, या वास्तव में ठोस कदम भी उठाए जाएंगे?”

कार्रवाई के बाद भी संचालन जारी

महादेव सट्टा ऐप पर छत्तीसगढ़ पुलिस की EOW, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) लंबे समय से जांच कर रहे हैं। इसके बावजूद, बघेल के अनुसार, न केवल महादेव ऐप बल्कि इससे जुड़े अन्य ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म भी सक्रिय हैं। उनका कहना है कि इस तरह के नेटवर्क पर अंकुश लगाने के लिए सिर्फ छापेमारी या बयानबाज़ी नहीं, बल्कि पूरी सप्लाई चेन और तकनीकी ढांचे को खत्म करने की जरूरत है।

क्या है महादेव ऑनलाइन बुक सट्टा?

महादेव ऑनलाइन बुक एक ऐसा अवैध नेटवर्क है, जिसमें क्रिकेट, कैसिनो और अन्य जुआ खेलों पर ऑनलाइन सट्टा लगाया जाता है। इसका संचालन केंद्र दुबई और अन्य देशों में माना जाता है, जबकि भारत में हज़ारों एजेंट और पैनल ऑपरेटर इसके लिए काम करते हैं। ग्राहक मोबाइल ऐप और इंटरनेट के जरिए इस नेटवर्क से जुड़ते हैं, और भुगतान हवाला चैनल या अन्य गैरकानूनी तरीकों से होता है।

ईडी की अब तक की कार्रवाई

ईडी ने बीते कुछ वर्षों में इस नेटवर्क से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की है। करोड़ों रुपए की चल-अचल संपत्ति अटैच की गई है। वर्ष 2023 में ईडी ने दावा किया था कि महादेव नेटवर्क हज़ारों करोड़ रुपए की हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त है। इसी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल का नाम भी सामने आया था, जिस पर उन्होंने उस समय राजनीतिक साजिश का आरोप लगाया था।

राजनीतिक रंग और आरोप-प्रत्यारोप

महादेव सट्टा मामला अब महज एक अवैध कारोबार का मुद्दा न रहकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का केंद्र बन गया है। एक तरफ जहां भाजपा नेता इस मामले में बघेल और उनकी सरकार पर ढिलाई और संरक्षण के आरोप लगाते रहे हैं, वहीं बघेल का कहना है कि भाजपा सरकार बनने के बाद भी इस नेटवर्क का संचालन जारी रहना बताता है कि समस्या जड़ से खत्म नहीं हुई है।

जनता में बढ़ती चिंता

ऑनलाइन सट्टा नेटवर्क को लेकर आम जनता में भी चिंता बढ़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे नेटवर्क न केवल युवाओं को लत में धकेलते हैं, बल्कि अवैध धन के प्रवाह और संगठित अपराध को भी बढ़ावा देते हैं। आर्थिक नुकसान के साथ-साथ सामाजिक दुष्परिणाम भी गहरे हैं।

सख्त कार्रवाई की मांग

पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार और एजेंसियों से मांग की है कि इस नेटवर्क पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग, तकनीकी मॉनिटरिंग और कड़े कानूनी प्रावधान लागू किए जाएं। उनका कहना है कि जब तक इसके सभी ऑपरेटर, फाइनेंसर और तकनीकी सपोर्ट सिस्टम को खत्म नहीं किया जाएगा, तब तक महादेव जैसे नेटवर्क फिर से सक्रिय हो जाएंगे।

Post a Comment

Previous Post Next Post