रेलवे ट्रैक पर 65 लाख की चोरी: शिवनाथ एक्सप्रेस बनी टारगेट, दो आरोपी सलाखों के पीछे


 

दुर्ग, छत्तीसगढ़ | 13 मई 2025

शिवनाथ एक्सप्रेस ट्रेन में हुई हाई-प्रोफाइल डायमंड-ज्वेलरी चोरी का पर्दाफाश करते हुए रेलवे पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। चोरी गई कुल 65 लाख रुपए की हीरे-जवाहरात की ज्वेलरी बरामद कर ली गई है। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक पेशेवर चोर और दूसरा उसका सहयोगी बताया जा रहा है। यह घटना राजनांदगांव से दुर्ग के बीच सफर के दौरान हुई थी, जिसने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी।

चोरी की वारदात

घटना 5 मई 2025 की है, जब शिवनाथ एक्सप्रेस में सफर कर रहे एक मशहूर ज्वेलरी व्यवसायी ने दुर्ग स्टेशन पर उतरने के बाद अपने सामान में से एक बैग गायब पाया। उस बैग में कीमती डायमंड सेट्स, सोने की चूड़ियां, हार, अंगूठियां और अन्य बहुमूल्य गहने थे, जिनकी कुल कीमत लगभग 65 लाख रुपए बताई गई थी। घटना की सूचना मिलते ही जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त टीमों ने जांच शुरू कर दी थी।

CCTV फुटेज बना सुराग

रेलवे स्टेशनों पर लगे CCTV कैमरों की मदद से जांच में तेजी लाई गई। खासतौर पर राजनांदगांव, दुर्ग और भिलाई स्टेशनों के कैमरों की फुटेज खंगाली गई। जांच के दौरान पुलिस की नजर एक संदिग्ध व्यक्ति पर पड़ी जो ट्रेन के उसी कोच में बार-बार चढ़ता-उतरता नजर आया, जिसमें व्यवसायी सफर कर रहा था। उस व्यक्ति की तस्वीरों को आधार बनाकर सर्च ऑपरेशन चलाया गया।

गिरफ्तारी की कार्रवाई

10 मई को दुर्ग रेलवे पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर रायपुर के टिकरापारा इलाके से आरोपी संतोष वर्मा (उम्र 38 वर्ष) को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि उसने अपने साथी रवि यादव (उम्र 35 वर्ष) के साथ मिलकर यह चोरी की थी। दोनों आरोपी पहले भी रेलवे में चोरी के मामलों में संलिप्त पाए गए हैं।

ज्वेलरी की बरामदगी

आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने रायपुर के एक किराए के मकान से चोरी गई पूरी ज्वेलरी बरामद की। ज्वेलरी को कपड़ों के बीच छुपाकर रखा गया था। पुलिस के अनुसार बरामद गहनों में करीब 1.5 किलो सोना, 500 ग्राम हीरे के जड़े आभूषण, और अन्य कीमती धातुएं शामिल हैं। व्यवसायी ने बरामद ज्वेलरी की पहचान कर ली है।

अंतरराज्यीय गैंग से संबंध

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि दोनों आरोपी एक अंतरराज्यीय चोरी गैंग से जुड़े हुए हैं, जो खासकर ट्रेन में सफर करने वाले व्यापारियों और यात्रियों को निशाना बनाते हैं। इनका तरीका बेहद शातिराना होता है — पहले टारगेट की पहचान करते हैं, फिर ट्रेन में चढ़कर या स्टेशन पर मौका मिलते ही बैग या कीमती सामान गायब कर देते हैं।

सुरक्षा पर उठे सवाल

इस घटना के बाद रेलवे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। यात्रियों की सुरक्षा और कीमती सामान के संरक्षण को लेकर रेलवे पुलिस पर भारी दबाव है। जीआरपी अधीक्षक नितिन वर्मा ने बताया, “हमने जांच में तेजी लाई और 5 दिनों में मामले का खुलासा किया। अब स्टेशनों पर अतिरिक्त निगरानी और यात्रियों के लिए चेतावनी जारी की गई है।”

व्यापारी ने जताया आभार

पीड़ित ज्वेलरी व्यवसायी, जिनका नाम उजागर नहीं किया गया है, ने रेलवे पुलिस की तत्परता की सराहना की और कहा, “मुझे उम्मीद नहीं थी कि इतना कीमती सामान वापस मिल जाएगा। मैं पुलिस का आभारी हूं कि उन्होंने इतनी तेजी से कार्रवाई की।”

फिर दोहराएं ऐसी घटनाएं

रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे सफर के दौरान अपने कीमती सामान का विशेष ध्यान रखें। यदि कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आती है, तो तुरंत रेल सुरक्षा बल या जीआरपी को सूचित करें। यात्रियों के लिए जागरूकता अभियान चलाने की भी योजना बनाई जा रही है।


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