8 साल से 10x10 के कमरे में कैद हैं वन्य जीव: नंदनवन चिड़ियाघर में तेंदुआ और लकड़बग्घा की बदतर हालत उजागर


 

छत्तीसगढ़ के मशहूर नंदनवन जैविक उद्यान से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। सूत्रों के अनुसार, यहां एक तेंदुआ और चार लकड़बग्घे पिछले आठ वर्षों से महज 10x10 फीट के कमरे में बंद हैं, जहाँ न उन्हें धूप मिलती है, न ताज़ा हवा, और न ही प्राकृतिक पानी की सुविधा।

वन्यजीव अधिनियम के नियमों के खिलाफ इस तरह का क़ैद, देश में पहला मामला माना जा रहा है जहाँ इतनी लंबी अवधि तक जानवरों को बिना बाहरी संपर्क के कृत्रिम माहौल में रखा गया है। आश्चर्य की बात यह है कि इस पूरे प्रकरण की न तो ज़ू प्रशासन द्वारा जानकारी दी गई और न ही किसी निरीक्षण में इसका खुलासा हुआ — जब तक कि एक कर्मचारी की गुप्त तस्वीरें और बयान सोशल मीडिया पर वायरल नहीं हुए।

जानवरों की मानसिक स्थिति पर सवाल

पशु व्यवहार विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी संकरी जगह में इतने सालों तक रहना न केवल जानवरों के शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि इससे उनकी मानसिक स्थिति पर भी गहरा असर पड़ता है। "यह पूर्ण रूप से क्रूरता है," एक वन्यजीव अधिकार कार्यकर्ता ने कहा। "तेंदुए जैसे सक्रिय शिकारी को खुला क्षेत्र चाहिए, न कि सीमेंट की चारदीवारी।"

प्रशासन पर लगे सवालिया निशान

जब इस मामले पर नंदनवन के अधिकारियों से संपर्क किया गया, तो उन्होंने जांच की बात कही, लेकिन किसी ठोस जवाब से परहेज़ किया। राज्य के वन विभाग ने अब इस पर विशेष जांच कमेटी गठित करने की घोषणा की है।

देश भर में बढ़ रहा आक्रोश

इस मामले ने वन्यजीव संरक्षण समूहों और पर्यावरणविदों के बीच आक्रोश फैला दिया है। कई संगठनों ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की है और ज़ू की मान्यता रद्द करने की माँग की है।

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