छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा आबादी साहू समाज की! लीक रिपोर्ट से खुलासा – जातिगत जनगणना में बड़ा खुलासा
नई दिल्ली/रायपुर।
देश में आजादी के बाद पहली बार केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है। लेकिन इससे पहले, छत्तीसगढ़ में जाति आधारित आबादी को लेकर एक अहम रिपोर्ट पहले ही सुर्खियों में आ चुकी है—हालांकि यह रिपोर्ट आधिकारिक रूप से जारी नहीं की गई थी, लेकिन इसके कुछ हिस्से सोशल मीडिया पर लीक हो गए।
लीक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: साहू समाज सबसे आगे
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में साहू समाज की आबादी सबसे अधिक है। भूपेश बघेल सरकार के दौरान एक विशेष ऐप के माध्यम से राज्य में ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की जनगणना करवाई गई थी। इस सर्वेक्षण में कुल 1 करोड़ 25 लाख 7 हजार 169 लोगों की गिनती हुई।
रिपोर्ट के अनुसार:
साहू समाज: 30,05,661
यादव समाज: 22,67,500
निषाद समाज: 11,91,818
इन आंकड़ों से साफ है कि ओबीसी वर्ग राज्य की सबसे बड़ी सामाजिक शक्ति है, जिसमें कुल 95 जातियाँ शामिल हैं।
कैसे हुआ सर्वे?
11 सितंबर 2019 को छत्तीसगढ़ सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने 'क्वांटिफायबल डाटा आयोग' के गठन का आदेश जारी किया था। आयोग के अध्यक्ष बनाए गए बिलासपुर के सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश छविलाल पटेल। आयोग का कार्यकाल कई बार बढ़ाया गया और अंततः नवंबर 2022 में रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी गई। सर्वे में कुल 1.07 करोड़ रुपये खर्च हुए।
राजनीतिक बयानबाजी तेज
छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्र के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि "जातिगत जनगणना सामाजिक समरसता और सर्वांगीण विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।"
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, "अब केंद्र सरकार को झुकना ही पड़ा। राहुल गांधी और विपक्ष के दबाव में जातिगत जनगणना की घोषणा करनी पड़ी।"
बीजेपी का दावा – 'मोदी सरकार करेगी न्याय'
बीजेपी की छत्तीसगढ़ इकाई ने ट्वीट कर कहा कि "जातिगत जनगणना कराएगी मोदी सरकार। यह निर्णय सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम