कोरबा, छत्तीसगढ़ | 30 मई 2025
कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल अंतर्गत पसान रेंज के ग्राम बनिया में गुरुवार रात एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें एक जंगली हाथी ने युवक पर हमला कर उसकी जान ले ली। मृतक की पहचान 22 वर्षीय तीजराम के रूप में हुई है, जो शौच के लिए जंगल की ओर गया था।
हाथी ने किया हमला, मौके पर ही हुई मौत
जानकारी के अनुसार, गुरुवार रात करीब 8 बजे तीजराम गांव के पास स्थित एक नर्सरी जंगल में गया था। इसी दौरान वहां मौजूद हाथी ने अचानक उस पर हमला कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हाथी ने युवक को सूंड से उठाकर पटक दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हाथी की चिंघाड़ सुनकर आस-पास के लोग भयभीत हो गए और गांव में अफरा-तफरी मच गई।
ग्रामीणों का आरोप - समय पर नहीं पहुंचा वन विभाग
हादसे के बाद जब तीजराम काफी देर तक घर नहीं लौटा, तो परिजनों और ग्रामीणों ने उसकी तलाश शुरू की। कुछ देर बाद तीजराम का शव जंगल में मिला। इस घटना को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि हाथी की मौजूदगी की सूचना वन विभाग को पहले ही दे दी गई थी, लेकिन विभाग की टीम समय पर नहीं पहुंची। इससे लोगों की जान खतरे में पड़ गई।
वन विभाग ने हाथी को खदेड़ा, अलर्ट किया गया
घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और हाथी को जंगल की ओर खदेड़ दिया। विभाग की टीम फिलहाल इलाके में तैनात है और हाथी की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। ग्रामीणों को अलर्ट किया गया है कि वे जंगल की ओर न जाएं और हाथी से दूरी बनाकर रखें।
ग्रामीणों में दहशत का माहौल
इस घटना के बाद गांव में भय का माहौल है। कई लोग रातभर नहीं सो सके और सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि क्षेत्र में हाथी की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए और जल्द से जल्द उसे मानव बस्तियों से दूर किया जाए।
वन विभाग का अपील – हाथी से न करें छेड़छाड़
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे हाथी के पास जाने या उसे भड़काने से बचें। विभाग का कहना है कि हाथी जब खुद को असुरक्षित महसूस करता है, तब वह आक्रामक हो जाता है। विभाग ने यह भी आश्वासन दिया है कि पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
संवेदनशील क्षेत्र घोषित, निगरानी तेज
गांव और आसपास के इलाके को वन विभाग ने संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया है। हाथी की वापसी की आशंका को देखते हुए निगरानी बढ़ा दी गई है। विभाग लगातार ड्रोन और कैमरों से निगरानी कर रहा है और गश्त तेज कर दी गई है।
यह घटना एक बार फिर इस सवाल को जन्म देती है कि मानव और वन्यजीवों के बीच बढ़ते टकराव को कैसे कम किया जाए। जब तक इन मुद्दों को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा, तब तक इस तरह की घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी।