रायपुर में दर्दनाक हादसा: खाना बनाते वक्त झोपड़ी में लगी भीषण आग, यूपी के दो मजदूर जिंदा जले; हड्डियां तक जल गईं, तीसरे ने खिड़की से ऑक्सीजन लेकर बचाई जान


 

रायपुर, 12 मई 2025छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रविवार देर रात एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जिसमें उत्तर प्रदेश के दो मजदूरों की झोपड़ी में आग लगने से मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान यूपी के बलिया और गाजीपुर जिलों के रहने वाले रामस्वरूप (40) और मोहम्मद सलीम (35) के रूप में हुई है। वहीं तीसरे मजदूर, अब्दुल रहीम (30), ने बड़ी मुश्किल से खिड़की के पास जाकर ऑक्सीजन लेकर अपनी जान बचाई।

यह हादसा रायपुर के पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र के तहत आने वाले कचना गांव के पास हुआ। मजदूरों की यह अस्थायी झोपड़ी एक निर्माणाधीन इमारत के पास बनी हुई थी, जहां ये तीनों मजदूरी का काम करते थे। पुलिस के अनुसार हादसे के वक्त ये तीनों मजदूर खाना बना रहे थे। उसी समय गैस सिलेंडर से रिसाव हुआ, जिससे अचानक आग लग गई और पूरी झोपड़ी कुछ ही मिनटों में जलकर राख हो गई।

खाना बनाते समय हुआ हादसा

पुलिस और दमकल विभाग की प्रारंभिक जांच के अनुसार, रात करीब 11 बजे मजदूरों ने खाना बनाने के लिए एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल किया। तभी अचानक गैस लीकेज होने के कारण आग भड़क उठी। चूंकि झोपड़ी पूरी तरह प्लास्टिक और लकड़ी की थी, आग ने तेजी से पूरी झोपड़ी को घेर लिया।

तीनों मजदूर सोने की तैयारी में थे और खाना बनाते समय झोपड़ी का दरवाज़ा अंदर से बंद था। आग इतनी तेजी से फैली कि रामस्वरूप और सलीम को भागने तक का मौका नहीं मिला। उनकी मौत झुलसने से ही मौके पर हो गई। जब पुलिस ने सुबह घटनास्थल का निरीक्षण किया, तो दोनों के शव बुरी तरह से जल चुके थे। हड्डियां तक गल चुकी थीं।

खिड़की ने बचाई एक जान

तीसरे मजदूर अब्दुल रहीम ने बताया कि वह खिड़की के पास बैठा था। जैसे ही उसे गैस की बदबू और जलने की आवाज़ आई, उसने तुरंत खिड़की के पास जाकर सांस लेने की कोशिश की। वह चीखता रहा, लेकिन बाहर से कोई मदद नहीं मिल सकी। संयोग से आग खिड़की की तरफ थोड़ी देर से पहुँची, जिससे उसे थोड़ी ऑक्सीजन मिलती रही और उसकी जान बच गई। बाद में उसने किसी तरह खिड़की तोड़कर बाहर छलांग लगाई और बाहर पाया।

रहीम फिलहाल अस्पताल में भर्ती है और उसका इलाज रायपुर के आंबेडकर अस्पताल में चल रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक उसे धुएं के कारण सांस लेने में तकलीफ हो रही है, लेकिन उसकी हालत अब स्थिर है।

दमकल विभाग और पुलिस की कार्यवाही

हादसे की जानकारी मिलते ही दमकल की तीन गाड़ियाँ मौके पर पहुँचीं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आग पर काबू पाने में उन्हें लगभग एक घंटा लग गया। पुलिस ने दोनों मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और उनके परिजनों को सूचित कर दिया गया है।

पुरानी बस्ती थाने के थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण सिलेंडर से गैस लीकेज माना जा रहा है। हालांकि फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है जो घटना स्थल की जांच कर रही है।

मजदूरों की हालत बदतर

इस घटना ने एक बार फिर प्रवासी मजदूरों की बदहाल स्थिति को उजागर कर दिया है। झोपड़ी जैसी जगहों पर रह रहे मजदूरों के पास ना पर्याप्त सुरक्षा है, ना स्वास्थ्य सुविधा। ऐसी घटनाएं सिर्फ लापरवाही को दर्शाती हैं बल्कि प्रवासी मजदूरों के जीवन की कठिनाइयों को भी सामने लाती हैं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

रायपुर कलेक्टर ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा देने की बात कही गई है। कलेक्टर का कहना है कि प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अस्थायी मजदूर कॉलोनियों में सुरक्षा उपायों को सख्त करेगा।


Post a Comment

Previous Post Next Post