मायके गई पत्नी के लौटने का इंतज़ार करते रहे... और युवक ने फांसी लगा ली


 

ग्राम सोंडवा के एक युवक ने घरेलू कलह से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। युवक की पत्नी कुछ दिनों पहले मायके चली गई थी, जिससे वह मानसिक रूप से अत्यंत व्यथित चल रहा था। घटना के समय उसके माता-पिता एक रिश्तेदार के दशगात्र कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। युवक ने घर के एक कमरे में फांसी लगाकर जीवन समाप्त कर लिया।

यह हृदयविदारक घटना गुरुवार शाम को सामने आई जब मृतक के छोटे भाई ने घर लौटकर उसे फंदे पर लटका पाया। आनन-फानन में परिजन और गांव के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मामले की जांच शुरू कर दी है।

घटना का विवरण

मृतक की पहचान 28 वर्षीय गोपाल पिता माधव राठौड़ के रूप में हुई है। गोपाल गांव में ही एक किराना दुकान चलाता था और अपनी पत्नी के साथ पिछले तीन वर्षों से शादीशुदा जीवन व्यतीत कर रहा था। करीब एक सप्ताह पहले पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर अनबन हुई, जिसके बाद पत्नी नाराज होकर अपने मायके चली गई। इस घटना के बाद से ही गोपाल गुमसुम और चिंतित नजर आने लगा था।

परिवार वालों के अनुसार, गोपाल ने पत्नी को कई बार फोन कर मनाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी। दोनों के बीच लगातार विवाद बढ़ता जा रहा था, जिससे युवक मानसिक रूप से टूट गया था।

गुरुवार को उसके माता-पिता एक रिश्तेदार के दशगात्र कार्यक्रम में शामिल होने गांव से बाहर गए थे। घर में अकेले होने का लाभ उठाकर गोपाल ने खुद को कमरे में बंद किया और दुपट्टे से फंदा बनाकर पंखे से लटक गया। शाम करीब 6 बजे उसका छोटा भाई रोहित जब घर लौटा, तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। खटखटाने पर जब कोई जवाब नहीं मिला तो शक के आधार पर दरवाजा तोड़ा गया, जहां गोपाल का शव लटका मिला।

पुलिस की कार्रवाई

सूचना मिलते ही सोंडवा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने कमरे की तलाशी ली, लेकिन कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या का कारण पारिवारिक विवाद बताया जा रहा है। थाना प्रभारी जगदीश पटेल ने बताया कि शव का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और मृतक के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है।

उन्होंने बताया कि पत्नी के मायके चले जाने के बाद युवक अत्यधिक मानसिक दबाव में था। हालांकि, कोई लिखित सुसाइड नोट नहीं मिलने से अभी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है।

गांव में शोक की लहर

घटना की जानकारी मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। पड़ोसी और रिश्तेदारों ने बताया कि गोपाल एक शांत और सरल स्वभाव का युवक था। वह हमेशा दूसरों की मदद करता था और गांव में उसकी अच्छी पहचान थी। किसी को अंदाजा नहीं था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेगा।

गोपाल की पत्नी के मायके जाने के बाद उसके व्यवहार में बदलाव साफ दिखाई देने लगा था। वह अक्सर अकेले बैठा रहता और दुकान पर भी पहले जैसा मन नहीं लगाता था। लोगों ने उसे समझाने की भी कोशिश की थी, लेकिन उसकी मानसिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही थी।

मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता

इस घटना ने फिर से मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा को मजबूर कर दिया है। छोटे-छोटे पारिवारिक विवाद आज युवाओं को इतना प्रभावित कर रहे हैं कि वे आत्मघाती कदम उठाने लगे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी स्थिति में संवाद, परामर्श और सामाजिक सहयोग अत्यंत आवश्यक होता है।

पारिवारिक रिश्तों में आई दरार और भावनात्मक असंतुलन से उपजे तनाव को नजरअंदाज करना घातक साबित हो सकता है। ऐसे में समाज, परिवार और प्रशासन को मिलकर ऐसे मामलों में संवेदनशीलता से काम लेना चाहिए।

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