कोरबा, छत्तीसगढ़। दीपका नगर पालिका क्षेत्र में युवाओं द्वारा शुरू की गई "गौ भोज सेवा" की अनूठी पहल अब आसपास के इलाकों में भी फैल रही है। इस पहल से प्रेरित होकर कटघोरा और पाली जैसे नजदीकी क्षेत्रों के युवाओं ने भी गौ सेवा के लिए समर्पित टीमें बनानी शुरू कर दी हैं।
नए क्षेत्रों में भी शुरू हुई गौ सेवा
दीपका की तर्ज पर कटघोरा के युवाओं ने "गौ रक्षा सेवा समिति" का गठन किया है। इस टीम का उद्देश्य सड़कों पर भटकने वाले पशुओं को भोजन उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। समिति के सदस्य रोजाना सुबह और शाम पशुओं को चारा और पानी देते हैं।
वहीं, पाली क्षेत्र में स्थानीय संगठन "गौ माता सेवा संस्थान" ने एक मोबाइल वैन की व्यवस्था की है, जो घायल या बीमार पशुओं को नजदीकी पशु चिकित्सालय पहुंचाती है। संस्थान के प्रमुख राजेश यादव ने बताया, "हमारी टीम 24x7 तैयार रहती है। अगर किसी को भी सड़क पर कोई पशु मुसीबत में दिखे, तो वे हमें फोन कर सकते हैं।"
सामाजिक संगठनों और प्रशासन का सहयोग
इन पहलों को स्थानीय प्रशासन और अन्य सामाजिक संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है। कोरबा कलेक्टर ने हाल ही में एक बैठक में गौ संरक्षण से जुड़े युवाओं की सराहना करते हुए उन्हें आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया।
जनता से अपील
गौ सेवकों ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे भी इस मुहिम से जुड़ें। उनका कहना है कि छोटे-छोटे योगदान जैसे पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था करना या उन्हें सड़क पर भोजन फेंकने के बजाय सही तरीके से खिलाना, बड़ा बदलाव ला सकता है।
इस तरह की पहलें न केवल पशु कल्याण को बढ़ावा दे रही हैं, बल्कि समाज में सामूहिक जिम्मेदारी की भावना भी पैदा कर रही हैं। अब देखना है कि यह आंदोलन कितने और क्षेत्रों तक फैलता है।