**रायपुर में पुलिस की बर्बरता: एनिवर्सरी के जश्न में युवक का हाथ तोड़ा, नशे में धुत पुलिसवालों ने रिश्तेदारों को भी पीटा**

**रायपुर में पुलिस की बर्बरता: एनिवर्सरी के जश्न में युवक का हाथ तोड़ा, नशे में धुत पुलिसवालों ने रिश्तेदारों को भी पीटा**

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस की क्रूरता का दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। शादी की सालगिरह मना रहे एक युवक और उसके रिश्तेदारों पर टिकरापारा थाने के पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से हमला कर दिया। इस घटना में युवक का हाथ टूट गया, जबकि उसके मामा और दोस्तों को गंभीर चोटें आईं। पीड़ित का आरोप है कि हमलावर पुलिसकर्मी नशे में थे और उन्होंने जातिसूचक गालियां देते हुए झूठे केस में फंसाने की धमकी दी।

**क्या है पूरा मामला?**  

पीड़ित लक्ष्मण कौशल, जो संतोषी नगर के तरुण बाजार इलाके में रहते हैं, ने बताया कि 30 अप्रैल को उनकी शादी की सालगिरह थी। इस मौके पर रिश्तेदार और दोस्त उनके घर आए थे। रात करीब 11:30 बजे खाना खाने के बाद सभी घर के बाहर बैठकर बातें कर रहे थे। तभी टिकरापारा थाने से 3-4 पुलिसकर्मी वहां पहुंचे। 

**सीसीटीवी में कैद हुई क्रूरता**  

लक्ष्मण के मुताबिक, एक पुलिसकर्मी ने उनका नाम पूछा। जवाब देते ही दूसरे पुलिसकर्मी ने लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज और ऑडियो सामने आया है, जिसमें दो पुलिसकर्मी युवकों पर पूरी ताकत से डंडे बरसाते और गालियां देते नजर आ रहे हैं। वीडियो में साफ दिख रहा है कि युवक बार-बार बता रहे हैं कि उनका घर यहीं है, फिर भी पुलिस ने मारपीट जारी रखी।

**जातिसूचक गालियां और धमकी**  

लक्ष्मण ने बताया कि जब उन्होंने पुलिसकर्मियों को अधिकारियों से शिकायत करने की बात कही, तो उन्हें जातिसूचक गालियां दी गईं। इतना ही नहीं, पुलिसकर्मियों ने झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी। अब दोषी पुलिसकर्मी पीड़ित परिवार पर शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।

**चार लोगों को गंभीर चोटें**  

पुलिस की पिटाई में लक्ष्मण का हाथ फ्रैक्चर हो गया। उनके मामा के हाथ, दो दोस्तों की पसलियों और पैरों में गंभीर चोटें आईं। पीड़ित परिवार ने इस मामले में SSP और IG से शिकायत की है, जिसमें तीन पुलिसकर्मियों—**हवलदार देवशरण साहू, आरक्षक आनंद शर्मा** और **आरक्षक निर्मल वर्मा**—के नाम शामिल हैं।

**न्याय की गुहार**  

पीड़ित परिवार ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह घटना न केवल पुलिस की बर्बरता को उजागर करती है, बल्कि सवाल उठाती है कि क्या आम नागरिक अपनी खुशी के पल भी सुरक्षित मना सकते हैं?



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