छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आज का दौरा एक अप्रत्याशित तकनीकी बाधा के कारण थोड़ी देर के लिए प्रभावित हुआ, जब उनके निर्धारित हेलिकॉप्टर में रवाना होने से पहले ही तकनीकी खराबी आ गई। हालांकि, प्रशासन की तत्परता और वैकल्पिक व्यवस्था के चलते मुख्यमंत्री बिना ज्यादा देरी के दूसरे हेलिकॉप्टर से यात्रा पर रवाना हो गए।
यह वाकया सुबह उस वक्त सामने आया, जब मुख्यमंत्री को राज्य के एक दूरस्थ गांव के दौरे के लिए निकलना था। जैसे ही टेकऑफ की तैयारी हो रही थी, पायलट और तकनीकी टीम ने हेलिकॉप्टर में तकनीकी गड़बड़ी की आशंका जताई। सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री के उड़ान को रोक दिया गया और तुरंत वैकल्पिक हेलिकॉप्टर की व्यवस्था की गई।
दूसरे हेलिकॉप्टर से गांव पहुंचे मुख्यमंत्री
इस घटना के बावजूद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कार्यक्रम में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ। वह नियत समय से थोड़ी देर बाद गांव पहुंचे, जहां बड़ी संख्या में ग्रामीण उनका इंतजार कर रहे थे। गांव में भव्य मंच या पंडाल की जगह एक पुराने पेड़ की छांव तले एक सादी और पारंपरिक चौपाल का आयोजन किया गया था। उसी चौपाल में बैठकर मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से सीधा संवाद किया।
ग्रामीणों से सीधी बातचीत
चौपाल में ग्रामीणों ने खेती-किसानी, सड़क, बिजली, पानी, रोजगार, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा से जुड़ी समस्याएं मुख्यमंत्री के समक्ष रखीं। महिलाओं ने स्व-सहायता समूहों को लेकर अपनी परेशानियां बताईं, जबकि युवाओं ने स्वरोजगार और प्रशिक्षण से जुड़े मुद्दों पर बात की। बुजुर्गों ने पेंशन और स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति पर ध्यान दिलाया।
मुख्यमंत्री ने सभी बातों को गंभीरता से सुना और मौके पर ही उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचलों की समस्याओं का समाधान करना सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए सभी विभागों को मिलकर काम करना होगा।
जनता से जुड़ाव की मिसाल
पेड़ की छांव में जमीन पर बैठकर मुख्यमंत्री का इस तरह जन संवाद करना ग्रामीणों के लिए एक नया अनुभव था। आमतौर पर मंच और माइक की व्यवस्था में होने वाली दूरी के बजाय इस चौपाल में सीधा और सरल संवाद हुआ। कई ग्रामीणों ने बताया कि मुख्यमंत्री की सादगी और संवाद शैली ने उन्हें विश्वास दिलाया कि उनकी बातें ऊपर तक जरूर पहुंचेंगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मौके पर कहा, “तकनीकी अड़चनें प्रशासनिक कार्यों में रुकावट डाल सकती हैं, लेकिन जनता से संवाद और सेवा के हमारे संकल्प में कोई बाधा नहीं आ सकती। मैं जहां भी जाता हूं, मेरी कोशिश रहती है कि सीधे लोगों से जुड़ सकूं और उनकी समस्याओं को समझ सकूं।”
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि चौपाल में उठाए गए मुद्दों को प्राथमिकता पर लिया जाए और एक निश्चित समय सीमा में समाधान सुनिश्चित किया जाए।
ग्रामीणों ने जताया संतोष
मुख्यमंत्री की इस पहल से ग्रामीणों में उत्साह और संतोष देखने को मिला। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी समस्याओं का निपटारा अब तेज़ी से होगा। कई लोगों ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री का इस तरह गांव में आकर, पेड़ की छांव में बैठकर संवाद करना उनके लिए पहली बार का अनुभव था।