"छत्तीसगढ़ में मजदूरों का अनिवार्य वेरिफिकेशन: दुर्ग SP ने ठेकेदारों को दिए सख्त निर्देश, अवैध अप्रवासन पर कड़ा रुख"


 

दुर्ग/भिलाई। छत्तीसगढ़ में लगातार सामने आ रहे अवैध अप्रवासियों के मामलों के बाद अब प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। अब राज्य में ठेका श्रमिकों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। इसकी शुरुआत फिलहाल दुर्ग और भिलाई से की जा रही है, जहां औद्योगिक इकाइयों और निर्माण स्थलों पर बड़ी संख्या में बाहरी श्रमिक काम कर रहे हैं।

दुर्ग एसपी विजय अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि अब हर ठेकेदार को, जो अपनी ओर से श्रमिकों की आपूर्ति करता है, यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके सभी श्रमिकों का पुलिस वेरिफिकेशन कराया गया हो। उन्होंने कहा कि, “लेबर क्राइसिस के नाम पर कई बार ठेकेदार बिना जांच-पड़ताल के किसी भी राज्य या देश से श्रमिकों को काम पर रख लेते हैं, जो सुरक्षा की दृष्टि से बड़ा खतरा बन सकता है।”

अवैध अप्रवासियों के खुलासे के बाद लिया गया निर्णय

हाल ही में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के मामले सामने आए हैं। रायपुर में बांग्लादेश से आए कुछ युवक कबाड़ी का काम करते हुए पकड़े गए थे। वहीं, भिलाई में भी एक युवक फर्जी नाम से इंडस्ट्री में काम कर रहा था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके अलावा रायगढ़ जिले में भी दूसरे राज्यों से आए लोग संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त पाए गए।

इन मामलों के उजागर होने के बाद राज्य सरकार ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लेबर वेरिफिकेशन को जरूरी बना दिया है। इस नियम के तहत अब किसी भी श्रमिक को तब तक काम पर नहीं रखा जा सकेगा, जब तक उसका पुलिस वेरिफिकेशन पूरा न हो जाए।

एसटीएफ द्वारा जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर

दुर्ग पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि वे अवैध अप्रवासियों के बारे में जानकारी दें। इसके लिए एसटीएफ ने दो हेल्पलाइन नंबर - 9827166418 और 9479241784 - जारी किए हैं। जानकारी देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।

ट्रेड यूनियनों के साथ बैठक

28 मई को दुर्ग एसपी विजय अग्रवाल की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें भिलाई इस्पात संयंत्र की ट्रेड यूनियन के पदाधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में यह तय किया गया कि गेट पास बनवाने की प्रक्रिया में अब पुलिस वेरिफिकेशन भी अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, ठेकेदारों को अपने सभी श्रमिकों के दस्तावेजों की जांच करानी होगी।

एसपी ने यह भी निर्देश दिया कि यदि किसी भी क्षेत्र में संदिग्ध बाहरी लोगों की गतिविधियां देखी जाएं, तो तत्काल संबंधित थाने को सूचना दी जाए। यह कार्रवाई पुलिस के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता का भी हिस्सा है।

रायपुर में बांग्लादेशी घुसपैठिये पकड़े गए

करीब दो महीने पहले छत्तीसगढ़ एटीएस ने रायपुर से तीन बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारत में निवास और पासपोर्ट बनवा लिया था। वे यहां कबाड़ का व्यवसाय कर रहे थे। इस खुलासे ने प्रशासन को चौकन्ना कर दिया।

भिलाई में नाम बदलकर रह रहे थे बांग्लादेशी दंपती

दुर्ग पुलिस की एसटीएफ ने 13 दिन पहले एक और कार्रवाई में भिलाई से एक बांग्लादेशी दंपती को पकड़ा था। महिला घरेलू काम में लगी थी, जबकि पुरुष एक इंडस्ट्री में मजदूर के रूप में कार्यरत था। दोनों का वीजा काफी समय पहले समाप्त हो चुका था, लेकिन वे फर्जी नामों से अब भी भारत में रह रहे थे।

रायगढ़ में भी संदिग्धों की पहचान

रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ क्षेत्र में हाल ही में 12 संदिग्ध लोगों की पहचान हुई, जिन पर माइनर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। इसके अलावा, जिले में 7 लोग लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे हैं, जिनमें 2 पाकिस्तानी और 5 बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं। हालांकि इनकी मौजूदगी वैध वीजा के आधार पर है, फिर भी प्रशासन इन पर नजर बनाए हुए है।

पूरे प्रदेश में होगा नियम लागू

फिलहाल यह नियम दुर्ग और भिलाई में लागू किया गया है, लेकिन आने वाले समय में इसे पूरे छत्तीसगढ़ में विस्तार देने की योजना है। पुलिस प्रशासन के मुताबिक, जिन जिलों में ठेका श्रमिकों की संख्या अधिक है, वहां पहले इसे लागू किया जाएगा। धीरे-धीरे पूरे राज्य में इसे अनिवार्य कर दिया जाएगा।

Post a Comment

Previous Post Next Post