"8 राज्यों में NIA की बड़ी कार्रवाई: टेरर फंडिंग और संदिग्ध लेनदेन पर छापेमारी, अहम सबूत जब्त"


 

पाकिस्तान को खुफिया जानकारी देने के मामले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान मोतीराम जाट की गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने देशभर में बड़ी कार्रवाई की है। शनिवार को NIA ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और असम समेत आठ राज्यों में 15 ठिकानों पर छापेमारी की।

सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी देशविरोधी साजिश, आतंकी फंडिंग और खुफिया जानकारियों के अवैध आदान-प्रदान से जुड़े मामले में की गई। इस दौरान कई संदिग्धों के ठिकानों से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मोबाइल फोन, लैपटॉप, हार्ड ड्राइव और संदिग्ध वित्तीय लेन-देन से जुड़े दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

पाक एजेंटों से जुड़ी कड़ी, ASI मोतीराम की भूमिका अहम

गिरफ्तार जवान मोतीराम जाट, CRPF की 116वीं बटालियन में ASI के पद पर तैनात था। उसे 26 मई को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। जांच एजेंसी के अनुसार, मोतीराम 2023 से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के संपर्क में था और उन्हें भारत की सैन्य गतिविधियों व सुरक्षा तंत्र से जुड़ी संवेदनशील जानकारी मुहैया करा रहा था।

जानकारी के बदले उसे कई माध्यमों से भुगतान भी किया जा रहा था, जिसमें डिजिटल वॉलेट, हवाला चैनल और नकद लेन-देन शामिल हैं। यह पूरा मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है।

22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद सक्रिय हुई NIA

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही NIA भारत विरोधी साजिश के तार खंगाल रही है। एजेंसी को संदेह है कि इस हमले में भी अंदरूनी मदद ली गई थी। इसी कड़ी में संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी और 20 मई को NIA ने आधिकारिक रूप से केस दर्ज किया था।

केस संख्या RC-12/2025/NIA/DLI के तहत, आरोपी पर ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता की नई धाराओं (BNS) के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।

कोर्ट में पेशी के बाद NIA की हिरासत

गिरफ्तारी के बाद मोतीराम को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 6 जून तक NIA की हिरासत में भेज दिया गया है। पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर ही एजेंसी ने 15 ठिकानों पर छापेमारी की, जहां से कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

टेरर फंडिंग नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने की तैयारी

NIA अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई केवल शुरुआत है। एजेंसी का मानना है कि इस नेटवर्क में कई और लोग शामिल हो सकते हैं जो देश के भीतर रहते हुए दुश्मन देशों को मदद पहुंचा रहे हैं। अब जब डिजिटल ट्रांजैक्शन, कॉल डिटेल और फॉरेंसिक जांच शुरू हो गई है, तो आने वाले दिनों में और गिरफ्तारी संभव हैं।

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