यह पूरा मामला पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र का है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 59 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी प्रेमिका की हत्या कर दी। आरोपी ने महिला को शराब के साथ फिनायल पिलाकर मार डाला और वारदात के बाद मौके से फरार हो गया। तीन महीने तक फरार रहने के बाद अब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
यह मामला रायपुर के पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र अंतर्गत भाटागांव की BSUP कॉलोनी का है। पुलिस के अनुसार, 13 फरवरी को कॉलोनी के एक घर से बदबू आने पर स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब दरवाजा खोला तो अंदर गीता यादव (45) की लाश पाई गई। शव के मुंह से झाग निकल रहा था और दरवाजे की कुंडी बाहर से बंद थी।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि महिला की मौत फिनायल और अत्यधिक मात्रा में शराब के सेवन से हुई है। यह कोई सामान्य मौत नहीं थी, बल्कि एक सोची-समझी हत्या थी। इसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी।
पुलिस की जांच में पता चला कि मृतका गीता यादव के साथ रमेश गुप्ता नाम का एक व्यक्ति अक्सर उसके घर में आता-जाता था और दोनों के बीच प्रेम संबंध थे। घटना के बाद से रमेश फरार था। पुलिस ने कई स्थानों पर दबिश दी, लेकिन वह हाथ नहीं आया।
तीन महीने की कड़ी मेहनत और निगरानी के बाद आखिरकार पुलिस को सफलता मिली। शुक्रवार को पुलिस को सूचना मिली कि रमेश गुप्ता भाटागांव बस स्टैंड के पास देखा गया है। सूचना मिलते ही टीम ने मौके पर पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस पूछताछ में रमेश ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि घटना वाले दिन उसका गीता से किसी अन्य पुरुष के साथ संबंधों को लेकर झगड़ा हुआ था। इसी गुस्से में उसने पहले गीता को शराब पिलाई और फिर उसमें फिनायल मिलाकर जबरन पिला दिया। उसके बाद वह दरवाजे की कुंडी बाहर से लगाकर फरार हो गया।
पुलिस ने रमेश गुप्ता के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करते हुए उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस सनसनीखेज हत्या से इलाके में सनसनी फैल गई है और लोग स्तब्ध हैं कि प्रेम संबंधों की शक की दीवार ने एक और जिंदगी छीन ली।
पुलिस अपील: पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें, ताकि समय रहते अपराध रोका जा सके। साथ ही, घरेलू विवादों को कानून के माध्यम से सुलझाने की अपील भी की गई है।
यह मामला एक बार फिर इस बात की चेतावनी है कि संदेह और गुस्से में लिए गए फैसले किस तरह जानलेवा साबित हो सकते हैं।