सुकमा नक्सली हमले में शहीद ASP को अंतिम विदाई, बेटी के जन्मदिन से पहले उजड़ गया परिवार


 

रायपुर, 10 जून 2025 — छत्तीसगढ़ पुलिस के वीर अधिकारी, एडिशनल एसपी आकाश राव गिरिपुंजे को सोमवार को रायपुर के माना स्थित पुलिस बटालियन में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई। नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में IED ब्लास्ट में शहीद हुए ASP आकाश राव की शहादत पर पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है।

भावुक माहौल के बीच उनकी पत्नी ने रोते हुए उन्हें सैल्यूट कर विदाई दी, तो वहीं उनके पिता बिलखते रहे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, गृह मंत्री, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और सैकड़ों लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए महादेव घाट मुक्तिधाम ले जाया गया, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

शहीद आकाश राव रायपुर के कुशालपुर इलाके के रहने वाले थे। वे सुकमा में एडिशनल एसपी के पद पर कार्यरत थे और राज्य में चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। रविवार को सुकमा के भेजी इलाके में गश्त के दौरान हुए IED विस्फोट में वे शहीद हो गए।

सबसे हृदयविदारक तथ्य यह है कि बुधवार को उनकी छह साल की बेटी नव्या का जन्मदिन है। आकाश राव सुकमा से रायपुर लौटकर बेटी का जन्मदिन मनाने वाले थे। पूरा परिवार इस दिन को खास बनाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। जन्मदिन की खुशियों के बदले अब घर में मातम पसरा है।

नारे गूंजे - "जब तक सूरज चांद रहेगा, आकाश तेरा नाम रहेगा"
सोमवार सुबह उनकी अंतिम यात्रा कुशालपुर स्थित उनके निवास से निकली, जहां भारी संख्या में आम नागरिक, अधिकारी, पड़ोसी और दोस्त एकत्रित हुए। यात्रा के दौरान “जब तक सूरज चांद रहेगा, आकाश तेरा नाम रहेगा” के नारों से माहौल गूंजता रहा।

रायपुर कलेक्टर, डीआईजी स्तर के अधिकारी और पुलिस बल के कई सदस्य अंतिम यात्रा में शामिल हुए। रास्ते भर लोगों ने पुष्पवर्षा कर श्रद्धांजलि दी। पुलिस के जवानों ने पारंपरिक रीतियों के अनुसार उन्हें अंतिम सलामी दी।

राज्य के लिए एक अपूरणीय क्षति
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, "आकाश जैसे अधिकारी छत्तीसगढ़ की शान हैं। उनकी बहादुरी को सदैव याद रखा जाएगा। राज्य सरकार उनके परिवार के साथ हर कदम पर खड़ी है।"

गृह विभाग ने शहीद को मरणोपरांत सम्मान देने की सिफारिश की है। साथ ही परिवार को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है।

पुलिस बल में शोक और गर्व दोनों
साथी अधिकारियों ने बताया कि आकाश राव गिरिपुंजे बेहद समर्पित और निडर अधिकारी थे। वे लगातार नक्सल क्षेत्र में सक्रिय रहते थे और खुफिया तंत्र को मजबूत बनाने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

छोटे बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
आकाश राव के दो छोटे बच्चे हैं। उनकी मासूम बेटी नव्या अब शायद ही समझ पाए कि पिता जो जन्मदिन पर वादा करके आने वाले थे, अब कभी नहीं आएंगे। उनकी शहादत ने परिवार को ऐसी पीड़ा दी है जिसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है।


शहीद आकाश राव गिरिपुंजेएक निडर अफसर, एक समर्पित बेटा, एक स्नेही पिता और एक सच्चा देशभक्त।
छत्तीसगढ़ उन्हें हमेशा याद रखेगा।




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