रावाभाठा स्वास्थ्य केंद्र में महिला की मौत पर हंगामा: डॉक्टर की गैरमौजूदगी बनी मौत की वजह, परिजनों ने की तीन बड़ी मांगें


 

रायपुर (छत्तीसगढ़), 10 जून 2025: रायपुर के बिरगांव नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत रावाभाठा स्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी के बाद एक महिला की मौत हो गई, जिससे परिजनों में भारी आक्रोश फैल गया। परिजनों का आरोप है कि यह मौत अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्य कर्मियों की घोर लापरवाही का नतीजा है। घटना के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य केंद्र में हंगामा किया और थाने पहुंचकर कार्रवाई की मांग की।

गंभीर हालत में लाई गई थी महिला

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक महिला को सोमवार रात गंभीर अवस्था में रावाभाठा स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था। स्थिति को देखते हुए सर्जरी से डिलीवरी कराई गई, लेकिन परिजनों का दावा है कि इस दौरान अस्पताल में तैनात डॉक्टर ड्यूटी से नदारद थे। डॉक्टर की अनुपस्थिति में इलाज की जिम्मेदारी वार्ड बॉय ने अपने हाथ में ले ली और इलाज शुरू कर दिया।

लापरवाही पर परिजनों का फूटा गुस्सा

महिला की तबीयत बिगड़ने के बाद जब परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से संपर्क करने की कोशिश की, तो अस्पताल इंचार्ज ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इससे आक्रोशित परिजन और स्थानीय लोग सीधे खमतराई थाने पहुंचे और लिखित शिकायत दर्ज कराई। मामले की जानकारी मिलते ही स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

अस्पताल प्रबंधन मौन, जांच शुरू

अब तक अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की जानकारी दे दी गई है और जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। परिजनों का कहना है कि अगर समय पर डॉक्टर मौजूद होता, तो महिला की जान बचाई जा सकती थी।

पीड़ित परिवार की तीन प्रमुख मांगें

परिजनों और स्थानीय लोगों ने इस लापरवाही के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए तीन प्रमुख मांगें रखी हैं:

  1. गायब डॉक्टर को तुरंत सस्पेंड किया जाए।

  2. वार्ड बॉय और अन्य जिम्मेदार कर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए।

  3. पूरे स्वास्थ्य केंद्र की उच्च स्तरीय जांच कर अव्यवस्थाओं को उजागर किया जाए।

जनता में बढ़ा असंतोष

इस घटना के बाद से रावाभाठा और आसपास के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लोगों का असंतोष और अविश्वास बढ़ता जा रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्रों में ऐसी लापरवाही किसी की जान ले सकती है, और ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं।

प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव

फिलहाल पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की ओर से संयुक्त जांच की जा रही है। जिला प्रशासन पर भी दबाव है कि वह दोषियों के खिलाफ जल्द और सख्त कदम उठाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग लगातार तेज होती जा रही है।


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