धमतरी, छत्तीसगढ़।
धमतरी जिले के कैलाशपति नगर में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। नारायण राव मेघा वाले कन्या महाविद्यालय में कार्यरत अतिथि महिला प्रोफेसर सुषमा साहू (31) ने अपने किराए के मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वे रायपुर की रहने वाली थीं और पिछले कुछ वर्षों से धमतरी में अकेली रह रही थीं।
घटना 13 जून की बताई जा रही है। गर्मी की छुट्टियों के बाद उसी दिन सुषमा रायपुर से वापस लौटी थीं। शाम तक कोई गतिविधि न होने पर पड़ोसियों ने आवाज़ लगाई लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। संदेह होने पर सुषमा के पिता नारायण लाल साहू को सूचना दी गई, जो कि वर्तमान में अभनपुर में तहसीलदार हैं। उनकी पहल पर जब दरवाजा तोड़ा गया, तो सुषमा का शव पंखे से लटका मिला।
पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें लिखा था – "मम्मी-पापा सॉरी, मुझे माफ करना। मैं अपनी मर्जी से सुसाइड कर रही हूं।" इससे आत्महत्या की पुष्टि होती है, लेकिन कारण अब तक स्पष्ट नहीं है।
पुलिस और एफएसएल टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की। शव को कब्जे में लेकर अगले दिन पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया और फिर परिजनों को सौंप दिया गया।
कॉलेज स्टाफ और छात्राओं के अनुसार, सुषमा पढ़ाई में तेज और व्यवहार में बेहद विनम्र थीं। उनके पढ़ाने के तरीके की छात्राएं सराहना करती थीं। हालांकि सूत्रों के अनुसार, वह निजी जीवन, खासकर शादी को लेकर मानसिक दबाव में थीं।
रुद्री थाना प्रभारी अमित सिंह के अनुसार, मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है। लेकिन सुसाइड नोट और अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए गहराई से जांच की जा रही है।
यह घटना न केवल शिक्षा जगत बल्कि पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर गई है कि मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक सहयोग कितना ज़रूरी है।