भिलाई, 14 जून 2025 — भिलाई नगर निगम ने शहर के भीतर अवैध प्लॉटिंग पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में निगम ने क्षेत्र के 80 से अधिक किसानों को नोटिस जारी किया है, जिनकी जमीन पर बिना अनुमति के छोटे-छोटे टुकड़ों में प्लॉटिंग कर रजिस्ट्री करवाई गई है। इस कार्रवाई से किसानों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी जमीन बेची है, लेकिन प्लॉटिंग का काम दलालों और भू-माफियाओं ने किया है, ऐसे में दोषी वे नहीं बल्कि जमीन खरीदने वाले और सरकारी प्रक्रिया में शामिल अधिकारी हैं।
29 मई को भेजे गए नोटिस
नगर निगम आयुक्त राजीव पाण्डेय के हस्ताक्षर से जारी किए गए इन नोटिसों में कहा गया है कि किसानों ने अपनी कृषि भूमि को टुकड़ों में बांटकर नियमविरुद्ध प्लॉटिंग की है, जो नगर पालिक निगम अधिनियम और कालोनाइज़र पंजीयन नियमों का उल्लंघन है। निगम ने 15 दिनों के भीतर संतोषजनक जवाब मांगा है। ऐसा न करने पर संबंधित किसानों को 3 से 7 साल की कैद और एक लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है।
किसानों का विरोध, भू-माफियाओं पर कार्रवाई की मांग
नोटिस से परेशान किसानों ने प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया है। कुरुद गांव के किसान धानूराम साहू ने बताया कि उन्होंने अपनी ज़मीन 86 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से उमेश गुप्ता नाम के दलाल को बेची थी। बाद में उस जमीन की टुकड़ों में प्लॉटिंग कर रजिस्ट्री की गई। धानूराम का कहना है कि उन्होंने प्लॉटिंग नहीं की, तो फिर उन्हें क्यों नोटिस मिला? ऐसे कई किसानों ने यह आरोप दोहराया है कि भू-माफिया और दलालों ने रजिस्ट्रार, तहसील और निगम की मिलीभगत से यह कार्य किया, इसलिए कार्रवाई उन्हीं पर होनी चाहिए।
भाजपा नेताओं का भी विरोध
भाजपा नेता मयंक गुप्ता ने मामले को गंभीर बताते हुए इसे सांसद विजय बघेल के संज्ञान में लाया है। उन्होंने कहा कि यदि रजिस्ट्रार और तहसीलदार समय पर सतर्क होते, तो अवैध रजिस्ट्री संभव नहीं होती। नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा ने आरोप लगाया कि महापौर और निगम प्रशासन भाजपा सरकार को बदनाम करने के लिए किसानों को निशाना बना रहे हैं।
निगम का पक्ष
नगर निगम आयुक्त राजीव पाण्डेय ने स्पष्ट किया है कि अवैध प्लॉटिंग को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी तक 60 से अधिक लोगों को नोटिस भेजा जा चुका है और आगे भी जांच के बाद कार्रवाई जारी रहेगी। यदि समयसीमा में जवाब नहीं आया या दोष सिद्ध हुआ, तो एफआईआर दर्ज कर पुलिस कार्रवाई की जाएगी।
अभी और गहराएगा मामला
जानकारों के मुताबिक यह मामला अब कलेक्टर और उच्च प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचेगा, क्योंकि किसान प्रतिनिधि जल्द ही इस मुद्दे को लेकर कलेक्टोरेट का घेराव कर सकते हैं। सवाल यह भी है कि क्या प्रशासन भू-माफिया, रजिस्ट्रार और तहसील अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करेगा या फिर कार्रवाई केवल किसानों तक सीमित रहेगी।
यह विवाद आने वाले दिनों में भिलाई की राजनीति और प्रशासनिक कार्यशैली दोनों के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।