धमतरी में धूमधाम से मनाया गया छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक समारोह


 

हिंदू समाज की एकजुटता और स्वराज्य के संकल्प का संदेश

धमतरी, छत्तीसगढ़ | 9 जून 2025:
धमतरी जिले में हिंदू साम्राज्य दिवस के अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का भव्य आयोजन किया गया। ऐतिहासिक परंपराओं के अनुसार शिवाजी महाराज का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न हुआ। आयोजन स्थल शिवाजी चौक का वातावरण "जय भवानी - जय शिवाजी" के जयकारों से गूंज उठा।

इस आयोजन की शुरुआत मां तुलजा भवानी मंदिर में अभिषेक और पूजन से हुई। इसके पश्चात शिवाजी महाराज चौक में पंचामृत, दूध, दही और सात पवित्र नदियों के जल से विधिवत अभिषेक किया गया। इस पवित्र अनुष्ठान में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, युवा वर्ग और महिलाएं शामिल हुईं।

राज्याभिषेक समारोह में वक्ताओं ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन, उनके वीरता के किस्सों और हिंदवी स्वराज्य की स्थापना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 6 जून 1674 को हुआ राज्याभिषेक न केवल एक ऐतिहासिक घटना थी, बल्कि वह हिंदू समाज के आत्मबल और एकजुटता का प्रतीक बना। आज उसी चेतना को फिर से जाग्रत करने की आवश्यकता है।

समारोह के दौरान आयोजित महाआरती और भव्य आतिशबाजी ने कार्यक्रम को और भी रोचक बना दिया। युवाओं ने पारंपरिक पोशाक में भाग लिया और शिवाजी महाराज की जीवनी पर आधारित झांकियों का प्रदर्शन भी किया गया।

सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक संदेश

राज्याभिषेक महोत्सव समिति के सदस्यों ने समारोह में कहा कि यह कार्यक्रम केवल ऐतिहासिक स्मृति नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता का माध्यम भी है। वक्ताओं ने वर्तमान समय में समाज के सामने मौजूद चुनौतियों — जैसे कश्मीर, बंगाल और बांग्लादेश में हो रही घटनाओं — की चर्चा करते हुए समाज को संगठित और सशक्त करने का आह्वान किया।

समिति के एक सदस्य ने कहा, “शिवाजी महाराज का जीवन प्रेरणा है। उनका राज्याभिषेक यह दिखाता है कि अपनी संस्कृति, अस्मिता और समाज की रक्षा के लिए हमें एकजुट रहना होगा। यह महोत्सव केवल मराठा समाज का नहीं, बल्कि समस्त हिंदू समाज की चेतना का प्रतीक है।”

कार्यक्रम का आयोजन छत्रपति शिवाजी महाराज राज्याभिषेक महोत्सव समिति, धमतरी द्वारा किया गया। आयोजन के सफल संचालन में कई स्थानीय संगठनों और स्वयंसेवकों ने भाग लिया।

समापन के साथ नई शुरुआत का संदेश

समारोह के अंत में वक्ताओं ने यह संदेश दिया कि राज्याभिषेक केवल इतिहास नहीं, बल्कि समाज के वर्तमान और भविष्य के लिए दिशा देने वाला क्षण है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों को अपनाकर राष्ट्र और समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।

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