मैत्री बाग में नए मेहमानों का आगमन: तेंदुआ और भालू का जोड़ा जल्द पहुंचेगा


 

भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट द्वारा संचालित प्रसिद्ध चिड़ियाघर मैत्री बाग में जल्द ही वन्य जीवन के नए आकर्षण जुड़ने जा रहे हैं। विनिमय योजना के तहत यहां तेंदुए और भालू का एक-एक जोड़ा पहुंचने वाला है, जिससे वन्यजीव प्रेमियों की उत्सुकता बढ़ गई है।

जू प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार, यह जोड़ी नया रायपुर और बिलासपुर स्थित चिड़ियाघरों से लाई जा रही है। बदले में मैत्री बाग ने सफेद बाघों का एक जोड़ा नंदन वन भेजा है। इसके अलावा आने वाले समय में 24 सांभर भी नंदन वन भेजे जाएंगे। यह पूरा विनिमय "वन्यजीव अनुवांशिक विविधता और प्रजातियों के समान वितरण" को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।

विशेष बाड़ों में रखी जाएगी निगरानी

नए वन्य मेहमानों के स्वागत की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। तेंदुए और भालू को पहले विशेष बाड़ों में निगरानी में रखा जाएगा, जहां उनकी अनुकूलता, स्वास्थ्य और व्यवहार का निरीक्षण किया जाएगा। यदि वे पूरी तरह स्वस्थ और वातावरण के अनुरूप पाए गए, तो उन्हें बाद में प्रदर्शन के लिए बड़े बाड़ों में शिफ्ट किया जाएगा

सफेद बाघ संरक्षण में अग्रणी है मैत्री बाग

मैत्री बाग के डॉक्टर एन.के. जैन ने बताया कि वर्तमान में यहां 7 सफेद बाघ हैं, जो इसे देश के प्रमुख सफेद बाघ संरक्षण केंद्रों में से एक बनाता है। यहां से अब तक कई सफेद बाघ अन्य चिड़ियाघरों को भेजे जा चुके हैं। जू में सभी पशुओं को उच्च पोषण स्तर वाला संतुलित भोजन दिया जाता है, जिसे उनकी पसंद और प्रजाति की आवश्यकता के अनुसार तैयार किया जाता है।

हर मौसम के लिए अलग व्यवस्था

जू प्रबंधन वन्य जीवों की भलाई के लिए मौसम अनुसार विशेष उपाय करता है। गर्मी के मौसम में बाड़ों में स्प्रिंकलर, ग्रीन नेट, टायफा मैट, कृत्रिम झरने और मड बाथ की व्यवस्था की जाती है। वहीं सर्दियों में अलाव जलाकर तापमान नियंत्रित किया जाता है।

वन्यजीवों की बढ़ती संख्या और संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता के साथ मैत्री बाग एक बार फिर चर्चा में है। आने वाले समय में यह विनिमय योजना चिड़ियाघरों के बीच सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण बनकर उभरेगी।

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