बिना मेहनत सरकारी नौकरी का झांसा देकर 4.5 करोड़ की ठगी: फर्जी नियुक्ति पत्रों से बड़ा भंडाफोड़ राज्य के युवाओं को एनटीपीसी, सीएसपीडीसीएल और खाद्य निरीक्षक पदों पर नियुक्ति का दिया गया धोखा; महिला कर्मचारी समेत कई पीड़ित, FIR दर्ज


 

छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। बेरोजगार युवाओं को बिना किसी परीक्षा या मेहनत के सीधे नियुक्ति का लालच देकर करीब 4.5 करोड़ रुपये की ठगी की गई है। इस जालसाजी में विभिन्न विभागों जैसे खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निरीक्षक, सीएसपीडीसीएल में सहायक अभियंता और एनटीपीसी में असिस्टेंट इंजीनियर के फर्जी नियुक्ति पत्र शामिल हैं।

दुर्ग सीएमएचओ कार्यालय की नियमित कर्मचारी प्रिया देशमुख और बिलासपुर की युवती मोनीषा सिंह ने अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में अंबिकापुर निवासी रजत कुमार गुप्ता, उसकी पत्नी अमोलक्ष्मी और रायपुर स्थित एक कंप्यूटर संस्थान के संचालक को आरोपी बनाया गया है।

ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा

जब ठगे गए युवा अपने-अपने विभागों में नियुक्ति के लिए पहुंचे, तब असलियत सामने आई कि नियुक्ति पत्र फर्जी हैं। तब जाकर पीड़ितों ने पुलिस से शिकायत की। जांच में पता चला कि आरोपी रजत गुप्ता ने नियुक्ति पत्रों में उच्च अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर और विभागीय सील का उपयोग किया।

नायब तहसीलदार पद के लिए भी हुआ सौदा

दुर्ग की एफआईआर में खुलासा हुआ है कि प्रिया देशमुख से आरोपी ने पहले नायब तहसीलदार पद के लिए 50 लाख रुपये की मांग की थी। इसमें से 25 लाख रुपए अग्रिम लिए गए थे। बाद में जब वह पद नहीं मिला तो 20 लाख में खाद्य निरीक्षक पद देने की बात हुई, जिसका पत्र भी फर्जी निकला।

विभागीय ठप्पे और अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर

जांच में सामने आया है कि नियुक्ति पत्रों में “22 फरवरी 2022 की परीक्षा” का हवाला दिया गया, जबकि ऐसी कोई परीक्षा नहीं हुई थी। पत्रों में एक विभागीय अधिकारी जितेंद्र कुमार शुक्ला और NTPC के महाप्रबंधक आर.सी. पटनायक के जाली हस्ताक्षर थे। कुछ पत्रों में यह भी लिखा गया था कि 30 दिन में ज्वाइनिंग नहीं करने पर आदेश रद्द मान लिया जाएगा।

पुलिस जुटी आरोपियों की तलाश में

दुर्ग और बिलासपुर पुलिस ने आरोपियों की तलाश तेज कर दी है। प्रमुख आरोपी रजत कुमार गुप्ता की लोकेशन बार-बार बदल रही है, जिससे गिरफ्तारी में देरी हो रही है। उसकी पत्नी भी फरार बताई जा रही है। पुलिस की विशेष टीमें गठित कर उसे पकड़ने का प्रयास जारी है।


यह घटना प्रदेश में फैले उस गिरोह का संकेत देती है जो युवाओं की मजबूरी और सरकारी नौकरी की चाहत का फायदा उठाकर उन्हें ठग रहे हैं। पुलिस और प्रशासन से उम्मीद है कि जल्द ही इस रैकेट का पूरा भंडाफोड़ होगा और दोषियों को सजा मिलेगी।

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