रायपुर। राजधानी में पेट्रोल पंप के मैनेजर की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। हत्या की साजिश पहले से रची गई थी और इसके लिए जरूरी हथियार—चाकू—ऑनलाइन ऑर्डर किया गया था। इस सनसनीखेज मामले में अब तक आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें ऑनलाइन डिलीवरी कंपनियों के कर्मचारी भी शामिल हैं।
घटना मंदिर हसौद थाना क्षेत्र की है। 16 जुलाई की देर रात दो युवक बाइक से एक पेट्रोल पंप पर पहुंचे थे। उन्होंने पहले 50 रुपए का ईंधन भरवाया और इसके बाद मैनेजर से जबरन पैसे छीनने का प्रयास किया। विरोध करने पर युवक ने धारदार चाकू से हमला कर दिया, जिससे मैनेजर की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
जांच में सामने आया कि इस वारदात के पीछे आरोपी कुनाल तिवारी (24) और समीर टंडन (22), दोनों निवासी अभनपुर, प्रमुख भूमिका में थे। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने घटना को अंजाम देने के लिए चाकू को ऑनलाइन ऑर्डर किया था। यह डिलीवरी एक निजी कूरियर कंपनी के माध्यम से की गई थी।
पुलिस ने मोबाइल की डिजिटल जांच में पाया कि आरोपी कुनाल के फोन से फ्लिपकार्ट प्लेटफॉर्म के जरिए चाकू मंगवाया गया था। इसके अतिरिक्त, अन्य दो चाकू भी इसी प्लेटफॉर्म से मंगवाए जाने की पुष्टि हुई है। पुलिस का दावा है कि इन्हीं चाकुओं का उपयोग अन्य आपराधिक गतिविधियों में भी किया गया है।
इस मामले में चौंकाने वाली बात यह रही कि पहले ही सभी ऑनलाइन विक्रेताओं और डिलीवरी प्लेटफार्मों को रायपुर पुलिस द्वारा निर्देशित किया गया था कि किसी भी प्रकार के घातक हथियार की डिलीवरी न की जाए। बावजूद इसके, संबंधित प्लेटफॉर्म्स और उनके कर्मियों ने जानबूझकर हथियारों की डिलीवरी की।
प्रारंभिक जांच के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 125(बी), 3(5) बी.एन.एस. के अंतर्गत मामला दर्ज किया है। इसके बाद फ्लिपकार्ट और उससे जुड़ी डिलीवरी एजेंसी ‘इलास्ट्रीक रन’ के 6 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि यह जांच आगे भी जारी रहेगी और अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी संभव है।
गिरफ्तार व्यक्तियों में शामिल हैं:
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गुलरेज अली (42), निवासी टिकरापारा, रायपुर
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मोहित कुमार (37), निवासी पंडरी, रायपुर
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अभिजीत गोस्वामी (37), निवासी कोटा, रायपुर
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दिनेश कुमार (32), निवासी अमलेश्वर, दुर्ग
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हरीशंकर साहू (28), निवासी अभनपुर, रायपुर
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आलोक साहू (23), निवासी लोधीपारा चौक, रायपुर
पुलिस ने इन सभी के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत कार्यवाही की है। साथ ही, ऑनलाइन प्लेटफार्मों की भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है। यह मामला ऑनलाइन शॉपिंग के माध्यम से बढ़ते अपराधों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारियों पर सवाल खड़े करता है।