छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग पर भारी बारिश का खतरा, मौसम विभाग का यलो अलर्ट जारी प्रदेश में 7 जिलों में तेज बारिश की चेतावनी, आकाशीय बिजली को लेकर भी सतर्क रहने की अपील


 

छत्तीसगढ़ में अगले पांच दिनों तक बस्तर संभाग के कई जिलों में तेज बारिश होने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने नारायणपुर, कोंडागांव, कांकेर सहित सात जिलों में भारी वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया है। विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने और खुले मैदानों में जाने से बचने की सलाह दी है।

प्रदेश के बाकी हिस्सों में मौसम सामान्य बना रहेगा, जबकि मध्य और उत्तर छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्रों में ही हल्की बारिश की संभावना है। बीते 24 घंटों में सभी पांच संभागों के विभिन्न स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश रिकॉर्ड की गई है।

बलरामपुर में सर्वाधिक वर्षा, मानसून सामान्य से आगे

1 जून से 18 जुलाई 2025 तक प्रदेश में औसतन 424.4 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 4% अधिक है। बलरामपुर जिले में सबसे ज्यादा 709.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार मानसून लंबा खिंच सकता है, क्योंकि यह सामान्य समय से आठ दिन पहले 24 मई को केरल पहुंच चुका था। यदि मानसून 15 अक्टूबर को लौटता है तो इसकी अवधि 145 दिनों की होगी।

आकाशीय बिजली से रहें सतर्क, दोपहर में अधिक खतरा

तेज बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, बादलों के आपसी घर्षण से जबरदस्त ऊर्जा उत्पन्न होती है जो बिजली बनकर धरती पर गिरती है। यह बिजली बेहद शक्तिशाली होती है – इसका तापमान सूर्य की सतह से अधिक और ऊर्जा 12.5 करोड़ वॉट तक हो सकती है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, दोपहर के समय बिजली गिरने की आशंका अधिक रहती है और यह मनुष्य के सिर, गले व कंधों को सबसे अधिक प्रभावित करती है। यदि बिजली के दौरान कोई व्यक्ति खुले में या ऊंचे स्थान पर हो, तो वह इसका शिकार बन सकता है।

आकाशीय बिजली से बचने के उपाय:

  • बारिश और बिजली के समय खुले मैदान, ऊंचे पेड़, वॉच टावर या खंभों से दूर रहें।

  • वाहन में बैठे रहना सुरक्षित होता है, लेकिन बाइक या खुले वाहन खतरनाक हो सकते हैं।

  • मोबाइल फोन या धातु के उपकरणों का इस्तेमाल न करें।

  • घर में बिजली गिरने से बचाव के लिए अर्थिंग और लाइटनिंग अरेस्टर जैसी व्यवस्थाएं होनी चाहिए।

मिथकों से रहें दूर:

  • यह गलत धारणा है कि बिजली एक ही जगह दोबारा नहीं गिरती।

  • रबर की चप्पल या टायर पूरी तरह सुरक्षा नहीं देते।

  • नाव में बारिश होने पर बाहर आना सुरक्षित नहीं होता, बल्कि उसमें बने रहना ही बेहतर होता है।

मौसम विभाग ने जनता से अपील की है कि वे मौसम अपडेट्स पर नजर बनाए रखें और आवश्यक एहतियात बरतें ताकि बारिश और आकाशीय बिजली से किसी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।

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