खारुन नदी में पिकनिक के दौरान किशोर की डूबकर मौत, 20 दिन में तीसरी घटना


 

दुर्ग जिले में खारुन नदी एक बार फिर हादसे का कारण बनी, जब बुधवार को घुघवा जमराव एनीकेट के पास पिकनिक मनाने आए रायपुर के एक किशोर की डूबने से मौत हो गई। यह घटना अमलेश्वर थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई। मृतक की पहचान गिरीश शरणागत (15) के रूप में हुई, जो रायपुर के सत्यम विहार कॉलोनी का निवासी था। वह अपने तीन दोस्तों — राहुल राव, आयुष भगत और हिमेश देवांगन — के साथ पिकनिक के लिए दोपहर करीब 3 बजे सात पाखर एनीकेट पहुंचा था।

जानकारी के अनुसार, चारों दोस्त नदी में नहा रहे थे, तभी तेज बहाव में गिरीश और उसका एक मित्र बह गए। मौके पर मौजूद अन्य साथियों ने तुरंत बचाव का प्रयास किया। एक दोस्त को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन गिरीश नदी के गहरे भंवर में फंस गया। देखते ही देखते वह पानी में ओझल हो गया।

घटना की सूचना मिलते ही अमलेश्वर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। गोताखोरों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। काफी देर की मशक्कत के बाद गिरीश का शव बरामद किया गया। पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई पूरी करने के बाद शव को पाटन मॉर्चुरी भेजा, जहां पोस्टमॉर्टम के बाद उसे परिजनों के हवाले कर दिया गया।

गौरतलब है कि यह जगह पहले से ही डूबने की घटनाओं के लिए संवेदनशील मानी जाती है। महज 20 दिन पहले इसी स्थान पर दो युवकों की डूबकर मौत हो गई थी। इसके बावजूद स्थानीय स्तर पर न तो सुरक्षा इंतजाम कड़े हुए हैं और न ही लोगों में जागरूकता बढ़ी है।

ग्रामीणों का कहना है कि घुघवा जमराव एनीकेट के पास पानी का बहाव कई जगहों पर अत्यधिक तेज रहता है और नदी की गहराई भी अचानक बढ़ जाती है, जिससे अनजान लोग आसानी से खतरे में पड़ जाते हैं। कई बार प्रशासन द्वारा चेतावनी बोर्ड लगाने और खतरनाक हिस्सों को चिह्नित करने की बात हुई, लेकिन इस दिशा में ठोस कदम अब तक नहीं उठाए गए।

स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस स्थान को "नो-स्विमिंग ज़ोन" घोषित किया जाए और यहां स्थायी रूप से गोताखोर या बचाव दल की तैनाती की जाए। साथ ही, पिकनिक मनाने आने वाले लोगों को नदी में उतरने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग और सख्त निगरानी की व्यवस्था हो।

यह हादसा एक बार फिर इस बात की याद दिलाता है कि प्राकृतिक जलस्रोत, चाहे वे कितने भी सुंदर क्यों न हों, लापरवाही की जरा सी भी गुंजाइश नहीं देते। नदियों, झीलों या एनीकेट जैसे स्थानों पर नहाना या तैरना, खासकर बरसात या तेज बहाव के समय, बेहद जोखिम भरा होता है।

पुलिस और बचाव दल ने भी लोगों से अपील की है कि वे ऐसे खतरनाक स्थानों पर नहाने या तैरने से बचें। उन्होंने कहा कि यदि कोई पानी में फंसता है तो उसे बचाना भी बेहद कठिन हो जाता है, क्योंकि भंवर और तेज बहाव रेस्क्यू कार्य में बाधा डालते हैं।

गिरीश के परिवार में इस हादसे के बाद गहरा शोक छा गया है। परिजनों और दोस्तों के लिए यह घटना अविस्मरणीय दर्द बन गई है। वहीं, गिरीश के दोस्तों का कहना है कि वह हमेशा हंसमुख और मददगार स्वभाव का था। वे कल्पना भी नहीं कर सकते थे कि एक पिकनिक सफर इस तरह त्रासदी में बदल जाएगा।

इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए जरूरी है कि प्रशासन और लोग दोनों अपनी जिम्मेदारी निभाएं। जहां प्रशासन को सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने होंगे, वहीं आम लोगों को भी सतर्क रहकर ऐसे स्थानों पर जाने से पहले जोखिमों को समझना होगा।

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