रायपुर में वायरल बुखार का कहर, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या


 

रायपुर। राजधानी रायपुर और आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों मौसम बदलने के कारण वायरल बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लगातार हो रही बारिश और वातावरण में बढ़ी नमी से संक्रमण फैलने का खतरा कई गुना बढ़ गया है। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों तक मरीजों की भीड़ लगातार बढ़ रही है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ गई है।

चिकित्सकों का कहना है कि वर्तमान मौसम वायरल बुखार, सर्दी-खांसी और अन्य मौसमी बीमारियों के लिए अनुकूल है। दिन और रात के तापमान में अंतर तथा वातावरण में मौजूद नमी संक्रमण को फैलने में मदद कर रही है। विशेष रूप से बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग इसकी चपेट में अधिक आ रहे हैं।

पिछले एक सप्ताह में डॉ. आंबेडकर अस्पताल, जिला अस्पताल, हमर अस्पताल, हमर क्लीनिक और अन्य निजी स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की संख्या में 30 से 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सामान्य दिनों में जहां सर्दी-खांसी और बुखार के मरीज कम आते थे, वहीं अब हर दिन बड़ी संख्या में लोग तेज बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, बदन दर्द और खांसी-जुकाम की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।

डॉ. अभिषेक तिवारी, मेडिसिन विशेषज्ञ, का कहना है कि वायरल बुखार को हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है। समय पर इलाज और पर्याप्त आराम न मिलने पर यह बीमारी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देती है, जिससे अन्य संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि शुरुआती लक्षणों में ही डॉक्टर को दिखाना सबसे जरूरी है।

स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों को सतर्क रहने की अपील की है। विभाग की ओर से जारी सलाह में कहा गया है कि इस मौसम में भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, बार-बार हाथ धोएं, पौष्टिक भोजन लें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। साथ ही, बुखार आने पर खुद से दवा लेने के बजाय तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें।

चिकित्सकों ने यह भी कहा है कि बारिश के बाद जमा पानी से मच्छरों के पनपने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां भी फैल सकती हैं। इसलिए घर और आसपास के इलाकों में साफ-सफाई बनाए रखना बेहद जरूरी है।

डॉ. सीमा वर्मा, बाल रोग विशेषज्ञ, ने बताया कि इस समय बच्चों में वायरल बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने माता-पिता को सलाह दी कि यदि बच्चे को तेज बुखार, खांसी, थकान या भूख कम लगने जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। साथ ही, बच्चों को ठंडे पेय पदार्थ और बाहर के अस्वच्छ खाद्य पदार्थ देने से बचें।

बुजुर्गों और पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए यह समय और भी संवेदनशील है। डायबिटीज, हृदय रोग या सांस की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को संक्रमण तेजी से प्रभावित कर सकता है। ऐसे मरीजों को अपने स्वास्थ्य पर खास ध्यान देने की आवश्यकता है।

फार्मासिस्ट दीपक शर्मा का कहना है कि इन दिनों पैरासिटामोल, एंटी-एलर्जिक और खांसी-जुकाम की दवाओं की मांग बढ़ गई है। लोग अक्सर खुद से दवा लेकर इलाज करने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह आदत गलत है। कई बार गलत दवा लेने से बीमारी बढ़ सकती है।

स्वास्थ्य विभाग ने स्कूलों, दफ्तरों और अन्य संस्थानों को भी निर्देश जारी किए हैं कि बीमार कर्मचारियों या विद्यार्थियों को आराम करने की अनुमति दें, ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके।

रायपुर में स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि सावधानी और जागरूकता ही इस मौसमी बीमारी से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। समय रहते सतर्कता बरतकर और डॉक्टर की सलाह लेकर हम इस वायरल बुखार के प्रकोप को काफी हद तक कम कर सकते हैं।


वायरल बुखार से बचाव के 5 जरूरी टिप्स

  1. हाथों की सफाई – दिन में कई बार साबुन और साफ पानी से हाथ धोएं।

  2. पौष्टिक आहार – ताजे फल, हरी सब्जियां और पर्याप्त मात्रा में पानी लें।

  3. भीड़-भाड़ से दूरी – संक्रमण के फैलाव से बचने के लिए भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचें।

  4. आराम करें – थकान से बचने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पर्याप्त नींद लें।

  5. लक्षण पर ध्यान दें – बुखार, खांसी या बदन दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

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