कोतवाली पुलिस ने लाखों की चोरी के मामले में बड़ी सफलता हासिल करते हुए फरार मुख्य आरोपी धीरज शर्मा को धर दबोचा। आरोपी को पुलिस ने उर्दना चौक के पास रायगढ़ लौट रही बस से गिरफ्तार किया। जानकारी के अनुसार, आरोपी घटना के बाद वृंदावन में छिपा हुआ था। पुलिस ने उसकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी और सटीक सूचना मिलने पर घेराबंदी कर उसे पकड़ा।
यह मामला 25 जून का है, जब सोनिया नगर निवासी कपड़ा व्यवसायी अनूप अग्रवाल ने घर में हुई बड़ी चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 22 जून की रात अनूप अग्रवाल अपनी पत्नी के साथ बाहर गए थे और घर पर उनका बेटा आदित्य मौजूद था। उसी रात आदित्य का मित्र पंडित धीरज और तीन स्टाफ सदस्य आए और देर रात वहां से चले गए। अगले दिन सुबह स्टाफ घर पहुंचा तो आदित्य की तबीयत खराब थी, जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। 23 जून को जब आदित्य ने अलमारी चेक की तो चार सोने के बिस्किट, दो सोने की अंगूठियां और ऑफिस से 3 लाख 40 हजार रुपये नगद गायब थे। साथ ही बुटिक से डिजिटल रिकॉर्डिंग सिस्टम और नेटवर्क उपकरण भी चोरी कर ले जाया गया था।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अपराध क्रमांक 312/2025 धारा 331(4), 305 बीएनएस के तहत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया। जांच के दौरान आसपास के इलाकों से फुटेज और अन्य तकनीकी साक्ष्य जुटाए गए। शुरुआती सुरागों से ही यह स्पष्ट हो गया था कि इस वारदात में किसी अंदरूनी व्यक्ति का हाथ है।
जांच में मीर रिजवान अली नाम के व्यक्ति का नाम सामने आया, जिसके पास से पहले ही पुलिस ने 4 सोने के बिस्किट, 3 चांदी के सिल्ली और 3 सोने की अंगूठियां बरामद की थीं, जिनकी कीमत 42 लाख रुपये से अधिक थी। उस समय मीर रिजवान ने माल के बारे में अनजान होने का दावा किया, लेकिन बाद में पूछताछ में उसने बताया कि घटना के अगले दिन धीरज ने उसे एक थैला रखने दिया था।
मुख्य आरोपी धीरज घटना के बाद से फरार था। पुलिस को सूचना मिली कि वह वृंदावन से रायगढ़ आ रहा है। इस पर पुलिस ने उर्दना मार्ग पर नाकेबंदी कर बस रोकी और धीरज को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में धीरज ने अनूप अग्रवाल के परिवार से पुराने परिचय का फायदा उठाकर चोरी की योजना बनाने की बात स्वीकार की। उसने बताया कि चोरी के बाद डिजिटल रिकॉर्डिंग सिस्टम और नेटवर्क उपकरण को पंचधारी डेम में फेंक दिया था। नकदी से उसने अपने पुराने कर्ज चुकाए और सोना-चांदी मीर रिजवान के पास रखवा दिया।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने धीरज के पास से एक स्कूटी एक्टिवा (कीमत 60,000 रुपये), एक इलेक्ट्रिक स्कूटी (कीमत 50,000 रुपये) और एक वनप्लस मोबाइल (कीमत 20,000 रुपये) भी जब्त किया। मीर रिजवान को चोरी का माल छिपाने के आरोप में सह-आरोपी बनाया गया। प्रकरण में धारा 238 और 3(5) बीएनएस भी जोड़ी गई और दोनों आरोपियों को रिमांड पर भेजा गया।
इस पूरी कार्रवाई में पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम, नगर पुलिस अधीक्षक मयंक मिश्रा, डीएसपी साइबर सेल अनिल विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में कोतवाली टीआई सुखनंदन पटेल, एसआई ऐनु देवांगन, एएसआई कोसो सिंह जगत, आरक्षक मनोज पटनायक, कमलेश यादव और रोशन एक्का के साथ साइबर सेल टीम की अहम भूमिका रही।
गिरफ्तार आरोपी
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धीरज शर्मा, पिता स्व. रेवतीरमन शर्मा, उम्र 28 वर्ष, निवासी गोकुलधाम कॉलोनी, रायगढ़
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मीर रिजवान अली, पिता मीर गजनफर अली, उम्र 36 वर्ष, निवासी रियापारा, रायगढ़
बरामद संपत्ति
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4 सोने के बिस्किट, 3 चांदी के सिल्ली, 3 सोने की अंगूठियां (कीमत 42 लाख रुपये)
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स्कूटी एक्टिवा (कीमत 60,000 रुपये)
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इलेक्ट्रिक स्कूटी (कीमत 50,000 रुपये)
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वनप्लस मोबाइल (कीमत 20,000 रुपये)
कुल कीमत लगभग 43.30 लाख रुपये
इस गिरफ्तारी से पुलिस को न केवल बड़ी चोरी का मुख्य आरोपी पकड़ने में सफलता मिली, बल्कि चोरी का अधिकांश माल भी बरामद हो गया। पुलिस अब शेष साक्ष्य जुटाने और चोरी में शामिल अन्य संभावित लोगों की तलाश में जुटी है।