रायपुर। राजधानी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक युवक ने खुद पर हुई लूट की झूठी कहानी गढ़कर पुलिस को गुमराह किया। पंडरी थाना क्षेत्र में दर्ज इस प्रकरण में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर नगद 15 लाख रुपये, तीन अंगूठियां और एक मोबाइल फोन बरामद किया है।
जानकारी के अनुसार, वॉलफोर्ट वुड्स, बरौदा, थाना विधानसभा रायपुर निवासी चिराग जैन ने 11 अगस्त 2025 को पंडरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने बताया कि वह और उसके पिता क्रमशः ‘श्री इंटरप्राइजेस’ तथा ‘रॉकड्रिल्स’ नाम से फर्म का संचालन करते हैं। इनका ऑफिस देवेंद्र नगर, सेक्टर-5, जायसवाल नर्सिंग होम के पास स्थित किराये के भवन में है। दोनों फर्म का मासिक लेन-देन 20 से 25 लाख रुपये तक होता है।
चिराग ने पुलिस को बताया कि 5 से 8 अगस्त के बीच की खरीदी-बिक्री का पैसा, कुल 15 लाख रुपये, उसने अपने ऑफिस की आलमारी में रखा था, जिसे 11 अगस्त को बैंक में जमा करने ले जा रहा था। लगभग 11:30 बजे जब वह कांपा रेलवे फाटक के पास पहुंचा, तो एक काले रंग की दोपहिया गाड़ी, जिसके पीछे "BOSS" लिखा था, उसके वाहन के पास आकर रुक गई। चिराग के अनुसार, गाड़ी में तीन अज्ञात युवक सवार थे। उनमें से दो ने उसकी कार में घुसकर गले पर धारदार हथियार रख दिया, मोबाइल फोन छीनकर फेंक दिया और उसकी उंगलियों से अंगूठियां उतार लीं। इसके बाद नकदी से भरा बैग लेकर तीनों आरोपी बाइक से फरार हो गए।
पुलिस ने चिराग की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 309 और 3(5) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू की। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने एएसपी ग्रामीण, एएसपी क्राइम संदीप मित्तल, सीएसपी सिविल लाइन, डीएसपी क्राइम, एंटी क्राइम एवं साइबर यूनिट के प्रभारी और पंडरी थाना प्रभारी को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
पुलिस टीम ने घटनास्थल और आसपास लगे कैमरों के फुटेज की जांच की, लेकिन चिराग के बताए अनुसार कोई लूट की घटना घटित होती नहीं मिली। स्थानीय लोगों से पूछताछ में भी इस तरह की कोई घटना न होने की पुष्टि हुई।
इस पर पुलिस ने चिराग से दोबारा पूछताछ की। वह बार-बार अपना बयान बदलता रहा और टीम को गुमराह करने की कोशिश करता रहा। संदेह गहराने पर पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य और घटनास्थल के रिक्रिएशन के आधार पर कड़ाई से पूछताछ की। अंततः चिराग अपने झूठ पर ज्यादा देर टिक नहीं सका और उसने खुद ही नकली लूट की कहानी रचने की बात कबूल कर ली।
चिराग ने स्वीकार किया कि उसने अपने पास रखी नगदी और आभूषण छिपाकर लूट का नाटक किया, ताकि वह किसी निजी कारण से इसका इस्तेमाल कर सके। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने पूरे 15 लाख रुपये, तीन अंगूठियां और मोबाइल फोन बरामद कर लिया।
पुलिस ने आरोपी चिराग जैन, पिता चंद्रसिंह चंडालिया, उम्र 27 वर्ष, निवासी वॉलफोर्ट वुड्स, थाना विधानसभा, रायपुर के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला बताता है कि झूठी रिपोर्ट दर्ज कराना न केवल पुलिस के समय और संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि कानून के तहत दंडनीय अपराध भी है।
पुलिस अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि इस तरह की झूठी शिकायतें करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों से वास्तविक अपराधों की जांच प्रभावित होती है और अपराधियों को पकड़ने में देरी होती है। इस प्रकरण में त्वरित जांच और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर सच्चाई सामने आ गई, जिससे पुलिस की सतर्कता और प्रोफेशनलिज्म साबित हुआ।