रायपुर में जुआ खेलते 6 आरोपी गिरफ्तार, कैश और ताश की गड्डियां जब्त


 

रायपुर। गंज थाना पुलिस ने जुआ खेलते हुए छह आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ने में सफलता हासिल की है। पुलिस को 8 अगस्त की शाम सूचना मिली थी कि होटल महिंद्रा के पास स्थित गली में कुछ लोग ताश के पत्तों से जुआ खेल रहे हैं और हार-जीत पर नगद दांव लगा रहे हैं। यह जुआ सार्वजनिक स्थान पर चल रहा था, जिससे क्षेत्र में असामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की आशंका थी।

सूचना मिलते ही गंज थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घेराबंदी कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मौके से ताश के पत्ते और करीब 31 हजार 270 रुपए नगद बरामद किए। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने मौके पर हार-जीत के दांव लगाए थे और कैश की लेन-देन हो रही थी।

पकड़े गए आरोपी इस प्रकार हैं:

  1. योगेश अग्रवाल (48 वर्ष), निवासी रायपुर।

  2. योगेश साहू (45 वर्ष), निवासी रायपुर।

  3. परमानंद चमेडिया (64 वर्ष), निवासी हैदराबाद, तेलंगाना।

  4. सतीश अग्रवाल (55 वर्ष), निवासी रायपुर।

  5. गोपाल महेश्वरी (41 वर्ष), निवासी रायपुर।

  6. सुनील अग्रवाल (53 वर्ष), निवासी गोल चौक, रायपुर।

गंज थाना पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ राज्य जुआ प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। सभी आरोपियों को थाने लाकर आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई।

जुए के बढ़ते मामलों पर पुलिस की सख्ती
पुलिस का कहना है कि सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह की जुआ गतिविधियां कानून के खिलाफ हैं और इससे न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि समाज में अपराध की प्रवृत्ति भी बढ़ सकती है। हाल के दिनों में रायपुर और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस ने कई जुआरियों पर कार्रवाई की है, ताकि इन गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।

अधिकारियों का कहना है कि जुआ खेलना न केवल कानूनी अपराध है, बल्कि यह पारिवारिक और सामाजिक जीवन पर भी नकारात्मक असर डालता है। कई बार ऐसे खेलों में हारने वाले लोग कर्ज के बोझ तले दब जाते हैं और गलत रास्ते अपनाने लगते हैं। पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि कहीं पर भी इस तरह की गतिविधि हो रही है तो इसकी तुरंत सूचना स्थानीय थाने को दें।

कार्रवाई की पृष्ठभूमि
इस मामले में पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने यह भी साबित किया कि सूचना तंत्र मजबूत होने से अवैध गतिविधियों को रोकना संभव है। गंज थाना क्षेत्र में पहले भी छोटे-बड़े जुआरियों पर कार्रवाई की गई है, लेकिन कई बार ये लोग फिर से सक्रिय हो जाते हैं। पुलिस का कहना है कि अब इस तरह के आरोपियों पर निगरानी रखी जाएगी ताकि वे दोबारा इस तरह की गतिविधियों में शामिल न हो सकें।

जुए के दुष्परिणाम
विशेषज्ञों के अनुसार, जुआ खेलने से व्यक्ति आर्थिक और मानसिक दोनों रूप से कमजोर हो सकता है। यह नशे की तरह लत बन जाता है, जो रिश्तों, करियर और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है। यही वजह है कि कानून में इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

पुलिस की चेतावनी
गंज थाना प्रभारी ने चेतावनी दी है कि सार्वजनिक या निजी स्थान पर जुआ खेलते पाए जाने पर संबंधित सभी लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि शहर में अवैध गतिविधियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस कार्रवाई के बाद इलाके के लोगों ने पुलिस की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि आगे भी इस तरह के अवैध कामों पर सख्ती जारी रहेगी।


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