राजधानी रायपुर में ड्रग्स तस्करी के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई लगातार तेज हो रही है। ताज़ा मामले में पुलिस ने छापेमारी कर दो और आरोपियों—रविंद्र साहू और अभिषेक रजक—को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी न केवल ड्रग्स का सेवन करते थे बल्कि गिरोह के लिए सप्लाई का काम भी करते थे। पुलिस जांच में पता चला है कि इनके बैंक खातों से 70 से अधिक बार संदिग्ध लेन-देन हुआ है। यह लेन-देन सीधे ड्रग्स गिरोह तक पहुंचने वाले पैसों का हिस्सा था। पुलिस के मुताबिक, ये दोनों आरोपी कुरियर बॉय की तरह ड्रग्स डिलीवरी करते थे और पैसे के लेन-देन में भी सक्रिय भूमिका निभाते थे।
प्रारंभिक पूछताछ में दोनों ने कई अहम खुलासे किए हैं, जिनके आधार पर पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश में जुट गई है। फिलहाल आरोपियों को टिकरापारा थाना में रखकर पूछताछ की जा रही है।
पंजाब-पाकिस्तान कनेक्शन की जांच
पुलिस की जांच का एक बड़ा हिस्सा पंजाब के रास्ते पाकिस्तान से आने वाली ड्रग्स सप्लाई पर केंद्रित है। इस सिलसिले में पिछले चार दिनों में तीन अलग-अलग एंगल से जांच चल रही है। 4 अगस्त को क्राइम ब्रांच ने 42.87 ग्राम हेरोइन के साथ 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से लवजीत सिंह, सुवित श्रीवास्तव और जुनैद खान उर्फ सैफ चिल्ला को रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की जा रही है।
लवजीत सिंह – मुख्य सप्लाई चैन का लिंक
लवजीत सिंह, जो पंजाब के गुरदासपुर का निवासी है, पाकिस्तान से सीधे ड्रग्स सप्लाई लेने के आरोप में फंसा हुआ है। जांच में सामने आया है कि वह पाकिस्तान में किसी संपर्क के जरिए ड्रग्स प्राप्त करता था और छत्तीसगढ़ में इसकी सप्लाई करता था। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि उसका पाकिस्तान में कौन संपर्क था, ड्रग्स की डिलीवरी कैसे होती थी और क्या उसके संपर्क में छत्तीसगढ़ के अन्य सप्लायर भी हैं।
सुवित श्रीवास्तव – रायपुर सप्लाई का जिम्मेदार
लवजीत के जरिए ड्रग्स सुवित तक पहुंचता था, जो रायपुर में इसकी सप्लाई का काम करता था। सुवित के कई बाउंसर और स्थानीय व्यक्तियों से संबंध थे, जिनके जरिए वह पार्टी और क्लब में नशे का सामान पहुंचाता था। पुलिस अब सुवित के लोकल नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में 250 ग्राहकों के मोबाइल नंबर सामने आए हैं, लेकिन असली संख्या इससे कहीं अधिक होने की आशंका है।
जुनैद खान उर्फ सैफ चिल्ला – क्लब कनेक्शन पर शक
जुनैद खान, जिसे सैफ चिल्ला के नाम से भी जाना जाता है, एक हाई-प्रोफाइल हाइपर क्लब में बाउंसर के तौर पर काम करता था। पुलिस को शक है कि वह क्लब की पार्टियों में ड्रग्स सप्लाई करता था। जांच में पता चला है कि उसने करीब 40 हजार रुपये की ड्रग्स खरीदी है। पुलिस यह जानने में जुटी है कि क्या क्लब में आयोजित वीकेंड पार्टियों और ऑफर्स के दौरान युवाओं को नशा उपलब्ध कराया जाता था।
क्लब और नाइट पार्टी नेटवर्क की तलाश
पुलिस इस एंगल की भी जांच कर रही है कि क्लब और नाइट पार्टियों में शामिल होने वाले किन लोगों का ड्रग्स सप्लाई से सीधा संबंध है। खासतौर पर यह देखा जा रहा है कि क्या क्लब का स्टाफ या मैनेजमेंट इस अवैध गतिविधि में शामिल था या नहीं।
पुलिस की अगली कार्रवाई
पुलिस अब मोबाइल कॉल डिटेल्स, बैंक ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड और आरोपियों के संपर्क में आने वाले सभी लोगों की सूची तैयार कर रही है। इसके अलावा, पार्टी आयोजकों, क्लब के कर्मचारियों और वहां आने वाले नियमित ग्राहकों से पूछताछ की संभावना है। जांच टीम ने साफ किया है कि ड्रग्स तस्करी नेटवर्क को खत्म करने के लिए स्थानीय से लेकर अंतरराज्यीय स्तर तक की कड़ी जोड़ने की कोशिश की जाएगी।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं, क्योंकि अब तक जो तथ्य सामने आए हैं, वे केवल iceberg का ऊपरी हिस्सा हैं। आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ में ड्रग्स सप्लाई चेन के और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।