रविवार की रात एयर इंडिया की दो अलग-अलग फ्लाइट्स में तकनीकी खराबी और असामान्य परिस्थितियों के चलते यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
पहला मामला दिल्ली से रायपुर आने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट (एआई 2797) का है, जिसमें 160 से अधिक यात्री सवार थे। यह विमान रात करीब 8:15 बजे दिल्ली से रवाना होकर तय समयानुसार 10:05 बजे रायपुर एयरपोर्ट पर उतरा। लैंडिंग के बाद यात्रियों को उम्मीद थी कि वे जल्द बाहर निकल जाएंगे, लेकिन विमान का दरवाजा लॉक हो जाने से सभी यात्री रनवे पर खड़े विमान में ही फंस गए। क्रू मेंबर ने यात्रियों को शांत रहने की अपील की और इसे सुरक्षा प्रक्रिया बताया। हालांकि, इस दौरान विमान के एसी और लाइट सिस्टम में भी रुक-रुक कर खराबी आती रही, जिससे असुविधा बढ़ गई। लगभग एक घंटे के प्रयास के बाद इंजीनियरों ने रात 11:13 बजे दरवाजा खोला। आमतौर पर रायपुर एयरपोर्ट रात 10:30 बजे के आसपास बंद हो जाता है, लेकिन इस घटना के चलते इसे आधी रात तक खुला रखना पड़ा।
दूसरा मामला तिरुवनंतपुरम से दिल्ली आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट का है, जो उड़ान के कुछ ही देर बाद गंभीर टर्बुलेंस में फंस गई। एयरबस ए320 विमान में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल सहित कई सांसद सवार थे। उड़ान भरते समय ही मौसम की स्थिति खराब हो गई और विमान में जोरदार झटके महसूस किए गए। यात्रियों के अनुसार, यह अनुभव भयावह था। तकनीकी खराबी के चलते पायलट को विमान को चेन्नई में उतारने का फैसला लेना पड़ा। उड़ान ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटराडार24 के अनुसार, विमान रात 8 बजे तिरुवनंतपुरम से उड़ा और 10:35 बजे चेन्नई में लैंड हुआ। इस दौरान विमान दो घंटे से अधिक समय तक हवा में रहा।
केसी वेणुगोपाल ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि उड़ान शुरू से ही देरी से चली और सफर के दौरान तेज टर्बुलेंस ने हालात और चुनौतीपूर्ण बना दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे हादसे यात्रियों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं और एयरलाइंस को तकनीकी व मौसम संबंधी प्रबंधन और बेहतर करना चाहिए।
इन दोनों घटनाओं ने एक बार फिर हवाई यात्रा की सुरक्षा और तकनीकी निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि उड़ानों की समय पर और सही तकनीकी जांच, साथ ही आपात स्थितियों से निपटने की तैयारियां, यात्री सुरक्षा के लिए अनिवार्य हैं। एयर इंडिया की ओर से इन घटनाओं को लेकर आधिकारिक बयान का इंतजार है, लेकिन यात्रियों का कहना है कि ऐसे हालात दोबारा न हों, इसके लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।