बिलासपुर में महिला शिक्षक के घर पर ठेकेदार व दोस्तों का उत्पात, तीन गिरफ्तार


 

बिलासपुर के सिरगिट्टी थाना क्षेत्र में महिला शिक्षक के घर पर देर रात हुए उत्पात ने इलाके में सनसनी फैला दी। तिफरा के यदुनंदननगर स्थित सूर्या विहार कॉलोनी में रहने वाली शिक्षिका नेहा पांडेय (42) ने पुलिस को शिकायत दी कि एक ठेकेदार और उसके दो साथियों ने उनके घर के बाहर जमकर तोड़फोड़ की, गालियां दीं और जान से मारने की धमकी तक दी।

जानकारी के अनुसार, नेहा पांडेय शहर के एक स्कूल में शिक्षिका हैं। उन्होंने बताया कि उनकी सहकर्मी मीनाक्षी शर्मा का अपने पति मुकेश से विवाद चल रहा था। बुधवार को मीनाक्षी ने नेहा से अनुरोध किया कि वे उसके पति को समझाएं। नेहा रात करीब 8 बजे मंगला स्थित गंगानगर में मीनाक्षी के घर पहुंचीं। वहां दोनों पक्षों से बातचीत कर विवाद शांत करने का प्रयास किया। बातचीत के बाद नेहा अपने पति के साथ रात करीब 10 बजे घर लौट आईं।

लेकिन, देर रात करीब 11 बजे ठेकेदार मुकेश अपने दो दोस्तों अभय दुबे और छोटू शर्मा को लेकर शिक्षिका के घर पहुंच गया। वहां पहुंचकर उसने नेहा पर अपने घर का विवाद बढ़ाने और दांपत्य जीवन में दखल देने का आरोप लगाया। उसने दरवाजे पर जोर-जोर से दस्तक दी और बाहर आने के लिए कहा।

डर के कारण नेहा ने दरवाजा नहीं खोला, जिस पर मुकेश और उसके साथियों का गुस्सा बढ़ गया। तीनों ने मिलकर घर की खिड़की के शीशे तोड़ दिए। इसके बाद बाहर खड़ी कार और साइकिल को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। इतना ही नहीं, घर के बाहर लगी लोहे की रेलिंग को भी उखाड़ फेंका। इस दौरान आरोपियों ने गालियां दीं और धमकी दी कि अगर शिकायत की तो जान से मार देंगे।

तोड़फोड़ की आवाज और हंगामे से मोहल्ले के लोग भी जाग गए। कई लोगों ने आरोपियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन वे और ज्यादा आक्रामक हो गए। घटना के बाद पीड़िता ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।

सूचना मिलने पर सिरगिट्टी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़िता का बयान दर्ज किया। नेहा ने तीनों आरोपियों के नाम और पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने मामले में ठेकेदार मुकेश, अभय दुबे और छोटू शर्मा के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और जान से मारने की धमकी देने जैसी धाराओं में केस दर्ज किया।

गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तीनों आरोपियों को उसी रात गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार को उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

थाना प्रभारी ने बताया कि यह घटना न केवल संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला है, बल्कि महिला की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे का संकेत भी है। पुलिस का कहना है कि जांच में और भी तथ्य सामने आ सकते हैं। यदि किसी और की संलिप्तता पाई जाती है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

मोहल्ले के निवासियों ने इस घटना की निंदा की है। उनका कहना है कि शांत इलाकों में इस तरह की घटनाएं लोगों के मन में असुरक्षा की भावना पैदा करती हैं। वे चाहते हैं कि पुलिस ऐसे मामलों में तुरंत और कड़ी कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति कानून हाथ में लेने की हिम्मत न कर सके।

इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आपसी विवादों में दूसरों को घसीटने और हिंसक प्रतिक्रिया देने की प्रवृत्ति समाज में कितनी खतरनाक हो सकती है।

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