छट्ठी की खुशी मातम में बदली: 25 ग्रामीणों से भरी पिकअप नहर में गिरी, स्टेयरिंग फेल — 3 महिलाएं और 2 बच्चे लापता
सक्ती, छत्तीसगढ़ — छट्ठी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे लोगों की खुशी एक पल में मातम में बदल गई, जब 25 ग्रामीणों को ले जा रही एक पिकअप अचानक स्टेयरिंग फेल होने के कारण तेज बहाव वाली नहर में जा गिरी।
इस दर्दनाक हादसे में तीन बुजुर्ग महिलाएं और दो मासूम बच्चे लापता हो गए, जिनकी तलाश में पुलिस और रेस्क्यू टीमें लगातार जुटी हुई हैं
नहर में बेकाबू हुई पिकअप, ग्रामीण बहते चले गए
घटना नगरदा-मड़वारानी मार्ग पर मुकुंदपुर गांव के पास सोमवार दोपहर की है।
रेड़ा गांव से 25 लोग एक पिकअप में सवार होकर खरहरी गांव में आयोजित छट्ठी समारोह में जा रहे थे। जैसे ही पिकअप मुकुंदपुर के पास पहुंची, उसका स्टेयरिंग फेल हो गया, और गाड़ी अनियंत्रित होकर सीधे नहर में जा गिरी।
नहर का बहाव तेज था, जिससे गाड़ी पलट गई और लोग पानी में बहने लगे। कई ग्रामीण किसी तरह तैरकर किनारे पहुंचे, जबकि कुछ को नहर में नहा रहे स्थानीय लोगों ने बचा लिया।
इनकी तलाश जारी: 70 साल की बुजुर्ग से लेकर 2 साल का मासूम लापता
लापता लोगों की पहचान इस प्रकार की गई है:
मनमति कंवर (70 वर्ष)
जगबाई कंवर (70 वर्ष)
इतवारी बाई (60 वर्ष)
तान्या साहू (8 वर्ष)
नमन कंवर (2 वर्ष)
इन पांचों का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन, SDRF की टीम मौके पर तैनात
घटना की सूचना मिलते ही सीएसपी भूषण एक्का, एसडीएम सरोज महिलांगे और थाना प्रभारी राजेश तिवारी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
बिलासपुर से आई SDRF टीम और नगर सेना ने मिलकर नहर का बहाव कम कराया और लापता लोगों की तलाश शुरू की। देर शाम तक भी कोई सफलता नहीं मिली।
स्थनीय लोगों की मदद से बची कई जानें
नहर किनारे नहा रहे कुछ ग्रामीणों की सतर्कता ने कई जिंदगियों को बचा लिया। उन्होंने डूब रहे लोगों को बाहर खींचा और घायलों को प्राथमिक इलाज दिलवाया।
पुलिस का बयान – "स्टेयरिंग फेल होना हादसे की मुख्य वजह"
उरगा पुलिस ने प्रारंभिक जांच में पिकअप का स्टेयरिंग फेल होना हादसे का कारण बताया है। अब वाहन की तकनीकी जांच की जा रही है और चालक से भी पूछताछ जारी है।
परिवारों की दहाड़, गांव में मातम
रेड़ा गांव में घटना की खबर पहुंचते ही कोहराम मच गया। जिनके परिजन लापता हैं, उनकी आंखों से आंसू थम नहीं रहे। छट्ठी का आयोजन जहां खुशियों की घड़ी होनी थी, वहीं अब गांव में सिर्फ सन्नाटा और मातम पसरा हुआ है।
यह हादसा फिर याद दिला गया कि सड़क पर जरा सी चूक, कई घरों को उजाड़ सकती है।
प्रशासन और जनता दोनों को अब ग्रामीण परिवहन सुरक्षा को गंभीरता से लेना होगा।