**बैलगाड़ियों में निकली अनोखी बारात: आदिवासी परंपराओं की झलक के बीच 54 जोड़े हुए एक-दूजे के, सांसद ने दिया आशीर्वाद**

 **बैलगाड़ियों में निकली अनोखी बारात: आदिवासी परंपराओं की झलक के बीच 54 जोड़े हुए एक-दूजे के, सांसद ने दिया आशीर्वाद**  

**बलौदा बाजार (छत्तीसगढ़):**  जब दुनिया तेजी से मॉडर्न होती जा रही है, ऐसे में छत्तीसगढ़ के भाटापारा के शहीद ग्राम **गुर्रा के जोगी द्वीप** में एक अद्भुत नजारा देखने को मिला, जिसने हर किसी का दिल जीत लिया। यहां **आदिवासी समाज के 54 नवयुगलों** का भव्य **सामूहिक विवाह समारोह** पारंपरिक अंदाज़ में आयोजित किया गया, जिसमें बारात **बैलगाड़ियों में सवार होकर** पहुंची।




**परंपरा और संस्कृति का सुंदर संगम:**  

ग्राम अर्जुनी से खमरिया होते हुए बारात जैसे ही जोगी द्वीप पहुंची, **आदिवासी वेशभूषा में सजे बारातियों** का जोरदार स्वागत हुआ। महिलाएं परंपरागत रीति से फूल, अक्षत और गीतों के साथ बारात का अभिनंदन कर रही थीं। वर बैलगाड़ियों पर सवार होकर पहुंचे, जिसने सभी को सौंदर्य और संस्कृति की ओर मोहित कर दिया।

**सांसद का सम्मान और आशीर्वाद:**  

इस अवसर पर **रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल** भी समारोह में शामिल हुए। उन्होंने वर-वधुओं को **आशीर्वाद दिया** और कहा,  

*"गोंडवाना समाज की यह पहल न केवल परंपरा को संजोने वाली है, बल्कि अन्य समाजों के लिए प्रेरणास्रोत भी है।"*  

उन्होंने शहीद **नरेश ध्रुव** के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और समाज की **सड़क निर्माण मांगों** को लेकर बजट में प्रगति की जानकारी दी।

**कन्यादान योजना से मिली नई दिशा:**  

यह आयोजन **मुख्यमंत्री कन्यादान योजना** के तहत हुआ, जिसमें नवविवाहित जोड़ों को आर्थिक सहयोग भी दिया गया। समाज के अध्यक्ष **दौलत कुंजाम** ने बताया कि इस आयोजन का मकसद युवाओं को **अपनी जड़ों से जोड़ना** और विवाह में होने वाले **अनावश्यक खर्च** को कम करना है।

**एक पर्यावरण-संवेदनशील वैवाहिक मिसाल:**  

जिला कार्यक्रम अधिकारी **टीकवेंद्र जाटवर** ने इसे **पर्यावरण-संवेदनशील विवाह प्रणाली** का उत्कृष्ट उदाहरण बताया, जिसमें न शोरगुल, न फिजूलखर्ची, बल्कि सादगी और संस्कृति की मिसाल कायम की गई।

**सार:**  यह विवाह सिर्फ एक परंपरा का निर्वहन नहीं था, बल्कि एक **सांस्कृतिक क्रांति** थी—जहां आदिवासी समाज ने यह दिखाया कि आधुनिकता की दौड़ में भी अपनी **मूल पहचान और संस्कारों को कैसे संजोया** जा सकता है।

**विवाह भी, विरासत भी – और वह भी बैलगाड़ी में सवार होकर!**

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