*कोरबा में 9वीं की मेधावी छात्रा ने लगाई फांसी: 78% अंक फिर भी थी निराश, पिता ने खुशी में बांटी थी मिठाई**

**कोरबा में 9वीं की मेधावी छात्रा ने लगाई फांसी: 78% अंक फिर भी थी निराश, पिता ने खुशी में बांटी थी मिठाई**

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। बालको नगर की 14 वर्षीय जानवी राजपूत, जो 9वीं कक्षा की मेधावी छात्रा और स्काउट गाइड की सक्रिय सदस्य थी, ने 78% अंक लाने के बावजूद अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह दुखद घटना सोमवार को परीक्षा परिणाम आने के बाद हुई।

**परिणाम से थी निराश, अपेक्षा थी और बेहतर की**  
बालको थाना क्षेत्र के इस मामले में परिजनों ने बताया कि जानवी अपने प्रदर्शन से बेहद निराश थी। उसने घर लौटकर कहा कि उसने कड़ी मेहनत की थी और उसे इससे बेहतर अंकों की उम्मीद थी। जानवी के पिता शिव राजपूत, जो भारत एल्युमिनियम कंपनी की एक कॉन्ट्रैक्ट एजेंसी में कार्यरत हैं, ने बेटी का हौसला बढ़ाने के लिए नए कपड़े खरीदे और खुशी में मिठाई भी बांटी। लेकिन जानवी की निराशा इतनी गहरी थी कि उसने यह आत्मघाती कदम उठा लिया।

**कमरे में फंदे पर लटका मिला शव**  
सोमवार रात खाना खाने के बाद सभी अपने-अपने कमरों में सोने चले गए। मंगलवार सुबह जब जानवी का कमरा देर तक नहीं खुला, तो परिजनों ने दरवाजा तोड़ा। अंदर का मंजर देखकर सभी सन्न रह गए—जानवी फांसी के फंदे पर लटकी हुई थी। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और जानवी की सहेलियां व दोस्त शोक में डूबे हैं।

**पुलिस ने शुरू की जांच**  
जिला अस्पताल चौकी प्रभारी दाऊद कुजुर ने बताया कि परिजनों का बयान दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच बालको थाने को सौंपी जाएगी। इस घटना ने न केवल परिवार, बल्कि पूरे समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है।

**सवाल जो रह गए अनुत्तरित**  
जानवी जैसी होनहार छात्रा का इस तरह का कदम उठाना समाज के लिए एक गंभीर सवाल खड़ा करता है। क्या अंकों का दबाव बच्चों पर इतना हावी हो रहा है कि वे अपनी उपलब्धियों को भी नजरअंदाज कर दे रहे हैं? यह घटना हम सभी को बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत को रेखांकित करती है।


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