**बिलासपुर हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: रिटायर्ड कर्मचारी से वसूली पर लगी रोक, ग्रेच्युटी राशि जल्द जारी करने का आदेश!**
**बिलासपुर, छत्तीसगढ़**: सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर! बिलासपुर हाईकोर्ट ने रिटायर्ड कर्मचारी से अधिक वेतन के नाम पर वसूली के आदेश को अवैध ठहराते हुए तत्काल रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने कर्मचारी की ग्रेच्युटी राशि को जल्द से जल्द जारी करने का सख्त निर्देश दिया है। यह फैसला तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।
**क्या है पूरा मामला?**
लक्ष्मण दास मानिकपुरी, जो आईटीआई में तृतीय श्रेणी कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे, 29 फरवरी 2020 को सेवानिवृत्त हुए। लेकिन रिटायरमेंट के ढाई साल बाद, 8 दिसंबर 2022 को विभाग ने उनसे 1 लाख 15 हजार 760 रुपये की वसूली का आदेश जारी कर दिया। विभाग का दावा था कि मानिकपुरी को गलती से अधिक वेतन का भुगतान किया गया था। इस आदेश के खिलाफ मानिकपुरी ने एडवोकेट सृजन पाण्डेय के माध्यम से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
**कोर्ट में क्या हुई बहस?**
याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि मानिकपुरी एक तृतीय श्रेणी कर्मचारी थे और उनसे की गई वसूली सुप्रीम कोर्ट के तय सिद्धांतों के खिलाफ है। दूसरी ओर, राज्य सरकार के वकील ने दावा किया कि अतिरिक्त भुगतान की जानकारी मिलने के बाद वसूली का आदेश जारी किया गया, जिसमें कोई गलती नहीं है।
**हाईकोर्ट का बड़ा फैसला**
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्पष्ट किया कि तृतीय श्रेणी कर्मचारी से अधिक वेतन के नाम पर वसूली की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने विभाग के वसूली आदेश को तुरंत रद्द कर दिया और मानिकपुरी की ग्रेच्युटी राशि को कानून के अनुसार जल्द से जल्द जारी करने का आदेश दिया।
**कर्मचारियों में खुशी की लहर**
हाईकोर्ट का यह फैसला रिटायर्ड कर्मचारियों, खासकर निम्न श्रेणी के कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। यह फैसला न केवल लक्ष्मण दास मानिकपुरी के लिए जीत है, बल्कि उन तमाम कर्मचारियों के लिए भी उम्मीद की किरण है, जो रिटायरमेंट के बाद ऐसी वसूली के शिकार होते हैं।