**रायपुर में ओडिशा कारोबारी की 'किडनैपिंग' का सनसनीखेज खुलासा: पुलिस ने ही उठाया, नाकेबंदी में पकड़ा गया! 😲**
रायपुर में शुक्रवार रात एक ऐसी घटना ने तहलका मचा दिया, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया! ओडिशा के कारोबारी गोविंद अग्रवाल के अपहरण की खबर जंगल की आग की तरह फैली, लेकिन असल में यह 'किडनैपिंग' एक बड़ा ट्विस्ट लेकर आई। दरअसल, गोविंद को कोई गैंग नहीं, बल्कि ओडिशा पुलिस ही उठाकर ले गई थी! 🚨
**क्या था पूरा माजरा?**
शुक्रवार रात गोविंद अग्रवाल अपने परिवार के साथ पंडरी के श्री शिवम शोरूम में शॉपिंग करने पहुंचे थे। जैसे ही वे बाहर निकले, कुछ लोग उन्हें जबरदस्ती गाड़ी में बिठाकर ले गए। परिजनों को लगा कि उनका अपहरण हो गया है। घबराए परिवार ने तुरंत सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज की। रायपुर पुलिस तुरंत हरकत में आई और SSP समेत तमाम अफसर मौके पर पहुंच गए। 😨
**नाकेबंदी और ड्रामे का क्लाइमेक्स!**
पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले और गाड़ी का नंबर ट्रेस कर लिया। रायपुर से लेकर आसपास के जिलों में नाकेबंदी शुरू हो गई। इस बीच, महासमुंद के पटेवा पुलिस ने नाकेबंदी के दौरान एक गाड़ी को रोका, जिसमें गोविंद अग्रवाल समेत कुछ लोग सवार थे। पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ—ये कोई अपहरणकर्ता नहीं, बल्कि सिविल ड्रेस में ओडिशा के झारसुगुड़ा पुलिसकर्मी थे! 🚓
**क्यों उठाया गया गोविंद को?**
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गोविंद अग्रवाल पर ओडिशा में ठगी और मारपीट जैसे गंभीर मामलों में केस दर्ज हैं। झारसुगुड़ा पुलिस लंबे समय से उनकी तलाश में थी। रायपुर में लोकेशन ट्रेस होने पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया, लेकिन स्थानीय पुलिस को सूचित नहीं किया। इस वजह से मामला उलझ गया और परिजनों में अफरा-तफरी मच गई। 😓
**परिवार ने तोड़ी चुप्पी?**
घटना के बाद गोविंद के परिवार से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने फ़िल्मी स्टाइल में चुप्पी साध ली। 😶
**पुलिस का एक्शन और सबक**
रायपुर पुलिस ने जिस तेजी से नाकेबंदी और जांच की, उसकी तारीफ हो रही है। लेकिन ओडिशा पुलिस की इस 'सीक्रेट मिशन' ने सबको हैरान कर दिया। अब सवाल यह है कि क्या भविष्य में ऐसी गलतफहमियां रोकने के लिए बेहतर तालमेल होगा? 🤔
