**भिलाई में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, मचा हड़कंप: विधायक बोले- बिना शिफ्टिंग किसी का घर नहीं टूटने देंगे**

 **भिलाई में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, मचा हड़कंप: विधायक बोले- बिना शिफ्टिंग किसी का घर नहीं टूटने देंगे**

**भिलाई (छत्तीसगढ़):**  गौतम नगर, खुर्सीपार वार्ड 42 में रविवार सुबह अचानक अफरा-तफरी मच गई जब नगर निगम की टीम भारी पुलिस बल के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंची। मेन सीवरेज लाइन के ऊपर बने करीब **60 मकानों पर बुलडोजर चला दिया गया**, जिससे इलाके में हंगामे जैसे हालात बन गए।




**निगम की सख्ती:**  

नगर निगम पहले ही इन अतिक्रमणकारियों को 10 से ज्यादा नोटिस दे चुका था। बावजूद इसके कब्जा नहीं हटाया गया, जिसके बाद प्रशासन ने **अतिक्रमण हटाओ अभियान** की शुरुआत की। योजना के अनुसार, **सीवरेज लाइन के दोनों ओर 5-5 फीट तक** का क्षेत्र खाली कराया जाएगा।

**लोगों का विरोध, पुलिस का पहरा:**  

जैसे ही घरों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई, लोग सड़कों पर उतर आए। लेकिन भारी पुलिस बल की मौजूदगी में विरोध को दबा दिया गया।

**वधायक का फूटा गुस्सा:**  

मौके पर पहुंचे **भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव** ने निगम अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा,  

*"बिना शिफ्टिंग, बिना नोटिस किसी का मकान नहीं टूटेगा। रात में सोते परिवारों पर बुलडोजर चला देना गुंडागर्दी है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"*


देवेंद्र यादव ने बताया कि उनकी कलेक्टर से बात हुई थी और सिर्फ 4-5 मकानों को हटाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन मौके पर पूरे-के-पूरे घर तोड़ दिए गए।




**सीवरेज समस्या से मुक्ति की तैयारी:**  

पार्षद विनोद सिंह के अनुसार, यह कार्रवाई लंबे समय से रुकी सीवरेज समस्या के समाधान के लिए जरूरी है। मेन सीवरेज लाइन के ऊपर **250 से ज्यादा मकान अवैध रूप से बनाए गए हैं**, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। निगम का दावा है कि एक बार यह सीवरेज लाइन क्लियर हो गई, तो क्षेत्र की जलभराव और बदबू की समस्या अगले 50 सालों तक नहीं लौटेगी।

**आगे की कार्रवाई:**  

फिलहाल जोन 1 में 60-70 घर तोड़े गए हैं। आगे जोन 2 और 3 में भी **80-80 मकानों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी** है। यानी कुल मिलाकर 200 से ज्यादा अतिक्रमणकारी मकानों को हटाया जाएगा।

**निगम vs जनता, प्रशासन की अग्निपरीक्षा:**  

इस कार्रवाई ने एक बार फिर प्रशासन और आम जनता के बीच टकराव की स्थिति खड़ी कर दी है। जहां एक ओर प्रशासन ज़मीन खाली कराकर जनसुविधा सुधारने की बात कर रहा है, वहीं दूसरी ओर **लोग इंसाफ और सम्मानजनक पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।**

**अब सवाल यह है:**  

क्या लोगों को शिफ्टिंग का मौका मिलेगा या एक बुलडोजर फिर किसी की ज़िंदगी की नींव हिला देगा?

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