छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: जेल में अनवर, लखमा, टुटेजा, फिर भी नहीं रुका नकली होलोग्राम का काला कारोबार!**

**छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: जेल में अनवर, लखमा, टुटेजा, फिर भी नहीं रुका नकली होलोग्राम का काला कारोबार!**  

**रायपुर में हर महीने 24 लाख की अवैध शराब बिक्री, 40 हजार नकली स्टिकर बरामद**

रायपुर| छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नकली होलोग्राम केस ने एक बार फिर सनसनी मचा दी है! मुख्य आरोपी अनवर ढेबर, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा जेल की सलाखों के पीछे हैं, लेकिन अवैध शराब का गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा। रायपुर में 20 अप्रैल को आबकारी विभाग की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने इस काले कारोबार की परतें उघाड़ दीं। एक ढाबे और प्रिंटिंग शॉप पर छापेमारी में 40 हजार से ज्यादा नकली होलोग्राम, शराब के लेबल और बोतलों के ढक्कन बरामद हुए, जिसने सबको हैरान कर दिया।  

**क्या है पूरा मामला?**  

20 अप्रैल की शाम साढ़े चार बजे जिला आबकारी उपायुक्त रामकृष्ण मिश्रा को गुप्त सूचना मिली कि टाटीबंध सर्किल के बीरगांव में BH ढाबे पर अवैध शराब का खेल चल रहा है। सहायक आबकारी अधिकारी जेबा खान की अगुवाई में टीम ने तुरंत छापा मारा। ढाबा संचालक संकटमोचन के पास से एक थैला बरामद हुआ, जिसमें 1460 नकली होलोग्राम स्टिकर, 1100 देसी शराब के लेबल और 105 बोतल के ढक्कन मिले। पूछताछ में संकटमोचन ने भिलाई के संदीप नामक शख्स का नाम उगला, जो इस गोरखधंधे का अहम कड़ी निकला।  

संकटमोचन ने खुलासा किया कि 2013-14 में सिलतरा की शराब भट्टी में काम के दौरान उसकी संदीप से मुलाकात हुई थी। कुछ महीने पहले संदीप ने उसे नकली होलोग्राम प्रिंट कराने का लालच दिया, और पैसों के लिए वह इस खेल में शामिल हो गया।  

**प्रिंटिंग शॉप पर खुला राज**  

आबकारी टीम संकटमोचन को लेकर बीरगांव की एक प्रिंटिंग शॉप पहुंची, जहां शॉप मालिक गणेश चौरसिया अपने साथी के साथ नकली होलोग्राम की शीट काट रहा था। यहां से 371 शीट बरामद हुईं, जिनमें हर शीट पर 110-120 स्टिकर थे। कुल मिलाकर 40 हजार से ज्यादा नकली स्टिकर! गणेश ने बताया कि यह सामान रंजीत गुप्ता के ऑर्डर पर तैयार किया गया था, जो डिलीवरी लेने वाला था। लेकिन रेड की भनक लगते ही रंजीत फरार हो गया।  

**हर महीने 24 लाख की चपत!**  

जांच में पता चला कि यह गिरोह हर महीने 30 हजार नकली होलोग्राम के जरिए देसी शराब बेचकर 24 लाख रुपये से ज्यादा की अवैध कमाई कर रहा था। एक स्टिकर 80 रुपये में बिकता था। भास्कर की पड़ताल में ढाबे से देसी शराब के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के प्रीमियम बीयर ब्रांड के कैप भी मिले, जिन पर नकली होलोग्राम और QR कोड लगे थे। इससे संकेत मिलता है कि इस रैकेट में बड़े खिलाड़ी भी शामिल हो सकते हैं।  

**फरार हैं मुख्य साजिशकर्ता**  

पुलिस ने संकटमोचन और गणेश चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन मुख्य आरोपी संदीप और रंजीत गुप्ता अभी फरार हैं। पुलिस इनकी तलाश में जुटी है। एक पेनड्राइव भी बरामद हुई, लेकिन उसमें होलोग्राम टेम्पलेट्स के अलावा कोई ठोस सुराग नहीं मिला।  

**कैसे चल रहा था खेल?**  

गणेश चौरसिया ने बताया कि वह रंजीत के कहने पर नकली होलोग्राम की शीट्स तैयार करता था। होलोग्राम मार्क रंजीत उपलब्ध कराता था, जबकि प्रिंटिंग का काम शहर के अलग-अलग प्रिंटिंग हाउस से कराया जाता था। एक महीने में 70 हजार होलोग्राम का ऑर्डर पूरा हो चुका था, जिसमें 30 हजार की डिलीवरी हो चुकी थी।  

**पुलिस की चुनौती**  

इस केस में चारों आरोपियों के बीच कोई स्पष्ट कनेक्शन नहीं मिला है, सिवाय इसके कि संकटमोचन संदीप के लिए और गणेश रंजीत के लिए काम कर रहा था। गणेश तीनों को जानता था, लेकिन पुलिस को अब फरार आरोपियों को पकड़ने और इस रैकेट के पीछे के बड़े चेहरों का पता लगाने की चुनौती है।  

**क्या होगा अगला कदम?**  

यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ में अवैध शराब के धंधे पर बड़ी चोट है, लेकिन फरार आरोपियों की गिरफ्तारी और गहरी जांच से ही इस काले कारोबार की जड़ें उखाड़ी जा सकती हैं। आबकारी विभाग और पुलिस अब इस मामले में और सख्ती बरतने की तैयारी में हैं, ताकि शराब माफिया

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