भिलाई। भिलाई नगर निगम के कोहका क्षेत्र में अवैध नल कनेक्शन का गंभीर मामला सामने आया है। यहां लगभग 200 घरों में न सिर्फ नियमों के विरुद्ध जल कनेक्शन दिए गए, बल्कि प्रत्येक परिवार से 5 हजार से लेकर 15 हजार रुपए तक की राशि वसूली गई। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि लोगों से दस्तावेज और पैसे लेने के बावजूद उन्हें किसी प्रकार की रसीद तक नहीं दी गई।
मामले का खुलासा निगम के जल कार्य प्रभारी और MIC मेंबर केशव चौबे ने किया है। उन्होंने खुद कोहका क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों—शिक्षक नगर, सनातन नगर, बजरंग पारा, विवेकानंद नगर और आर्य नगर—का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
लोगों से ली गई मोटी रकम, नहीं दी गई रसीद
जांच के दौरान चौबे ने पाया कि लोगों से आधार कार्ड, मकान के दस्तावेज और अन्य जरूरी कागजात के साथ-साथ 5000 से 15,000 रुपए तक नकद लिए गए। कई लोगों ने बताया कि रसीद मांगने पर उन्हें दो-तीन दिन में देने का वादा किया गया था, लेकिन वह कभी नहीं दी गई।
एक स्थानीय निवासी ने बताया, "हमसे 7000 रुपए लिए गए। कहा गया कि पाइपलाइन बिछाकर जल्द कनेक्शन देंगे। कनेक्शन तो दे दिया गया, लेकिन न रसीद मिली, न कोई दस्तावेज वापस मिला।"
आयुक्त ने दिए जांच के निर्देश
मामले की गंभीरता को देखते हुए निगम आयुक्त राजीव पांडेय ने तत्काल प्रभाव से जांच के आदेश जारी किए हैं। जोन 1 के जोन आयुक्त अजय सिंह राजपूत की निगरानी में एक जांच समिति बनाई गई है। इस समिति का नेतृत्व कार्यपालन अभियंता अखिलेश चंद्राकर करेंगे। समिति इस पूरे मामले की तह तक जाकर दोषियों की पहचान करेगी।
राजनीतिक संग्राम भी तेज, कांग्रेस-भाजपा पार्षदों ने किया संयुक्त दौरा
इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस पार्षदों की संलिप्तता की भी आशंका जताई जा रही है। इसी कारण जल कार्य प्रभारी एवं कांग्रेस पार्षद केशव चौबे ने भाजपा पार्षद महेश वर्मा के साथ संयुक्त रूप से क्षेत्रों का दौरा किया।
भाजपा पार्षद महेश वर्मा ने कहा, "यह घोटाला आम जनता के साथ खुला धोखा है। वार्ड के कुछ स्थानीय लोगों ने ही लोगों से पैसे लेकर अवैध रूप से कनेक्शन दिलवाया है। इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए।"
कितना बड़ा है घोटाला?
चौबे के अनुसार, यदि प्रत्येक घर से औसतन 5 हजार रुपए भी लिए गए हों, तो कुल 200 घरों से वसूली गई राशि 10 लाख रुपए से अधिक बैठती है। कुछ मामलों में यह राशि 15 हजार तक पहुंची है। ऐसे में यह घोटाला और भी बड़ा हो सकता है।
स्थानीय लोगों की मांग – सख्त कार्रवाई हो
स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और जो राशि उनसे वसूली गई है, उसकी भरपाई की जाए। साथ ही, जिन लोगों ने बिना वैध प्रक्रिया के नल कनेक्शन दिया, उन पर कठोर कार्रवाई की जाए।
निगम की छवि पर सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने भिलाई नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि यह घोटाला अधिकारियों या जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से हुआ है, तो इससे निगम की साख को गहरा नुकसान पहुंचेगा। फिलहाल सभी की नजरें जांच रिपोर्ट और आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं।