रायपुर, छत्तीसगढ़ – राजधानी रायपुर के एक इलाके में शनिवार देर रात एक पुरानी रंजिश ने नया रूप ले लिया जब दो पक्षों के बीच कहासुनी बढ़ते-बढ़ते गाली-गलौज और जातिसूचक अपशब्दों तक पहुंच गई। आरोप है कि एक पक्ष ने शराब के नशे में दूसरे पक्ष के व्यक्तियों को जातिसूचक गालियां दीं, जिससे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया। घटना के विरोध में रविवार सुबह भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने संबंधित थाने में प्रदर्शन किया और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
घटना का विवरण
घटना रायपुर के टिकरापारा थाना क्षेत्र की है। जानकारी के अनुसार, शनिवार रात लगभग 11 बजे एक मोहल्ले में दो युवकों के बीच किसी पुरानी बात को लेकर बहस शुरू हुई। यह बहस जल्द ही गाली-गलौज और धमकी में बदल गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इनमें से एक युवक शराब के नशे में था और उसने बहस के दौरान अपशब्दों के साथ-साथ जातिसूचक टिप्पणियां भी कीं। यह सुनकर पीड़ित पक्ष ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पीड़ित का आरोप
पीड़ित युवक का कहना है कि आरोपी पहले भी कई बार इस तरह की भाषा का प्रयोग कर चुका है, लेकिन इस बार मामला गंभीर हो गया क्योंकि बात जाति पर आ गई। युवक ने बताया कि वह अपनी जातीय पहचान को लेकर अपमानित महसूस कर रहा है और इस तरह की घटनाओं से समाज में असमानता और डर का माहौल बनता है।
पुलिस की कार्रवाई
सूचना मिलते ही टिकरापारा पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को थाने ले गई। थाने में बयान दर्ज किए गए और पीड़ित पक्ष की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
भीम आर्मी का विरोध प्रदर्शन
रविवार सुबह स्थानीय भीम आर्मी इकाई के सदस्यों ने बड़ी संख्या में थाने के बाहर इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस मामले को हल्के में ले रही है और आरोपी को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, जिससे पीड़ित और उसके परिवार में भय का माहौल है।
प्रदर्शन के दौरान भीम आर्मी के जिला संयोजक ने कहा, “हम इस तरह के जातिगत अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। पुलिस को आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करना चाहिए और अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कार्रवाई करनी चाहिए।”
प्रशासन का बयान
पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। थाना प्रभारी ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस जाति आधारित अपराधों के प्रति संवेदनशील है और इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है।
सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद कई अन्य सामाजिक संगठनों ने भी चिंता जताई है। उनका कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं समाज में नफरत और असमानता को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त कदम उठाए जाएं ताकि समाज में समानता और भाईचारा बना रहे।