**स्वामी यदुनंदन सरस्वती का बेबाक बयान: "आतंकवाद की जड़ मुसलमानों से, मोदी बिहार चुनाव में हिंदू वोट के लिए करेंगे धूम-धड़ाम!"**

**स्वामी यदुनंदन सरस्वती का बेबाक बयान: "आतंकवाद की जड़ मुसलमानों से, मोदी बिहार चुनाव में हिंदू वोट के लिए करेंगे धूम-धड़ाम!"**

वृंदावन धाम के पीठाधीश्वर स्वामी यदुनंदन सरस्वती ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में तीखे बयानों से सनसनी मचा दी। आतंकवाद, शंकराचार्यों की कार्यप्रणाली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीति और श्रीमद्भागवत कथा के व्यावसायीकरण पर उनकी बेबाक राय ने हर किसी का ध्यान खींच लिया। आइए, जानते हैं उनके विवादास्पद बयानों की पूरी कहानी।

### **"आतंकवाद का स्रोत मुसलमान, सरकार को तुरंत करना चाहिए सख्त एक्शन"**

यदुनंदन सरस्वती ने आतंकवाद पर बड़ा बयान देते हुए कहा, "आतंकवाद का सृजन मुसलमानों से हुआ है। दुनिया के सारे आतंकवादी इस्लामी हैं।" उन्होंने सरकार से मांग की कि आतंकवाद को कुचलने के लिए कठोर कानूनों का तुरंत इस्तेमाल हो। पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसा, "मोदी सरकार अवसर की तलाश में है। बिहार चुनाव आएगा, तो थोड़ा धूम-धड़ाम करेंगे, ताकि हिंदू वोट बटोर सकें। लेकिन आतंकवाद का जवाब तुरंत देना चाहिए, इंतजार क्यों?"

### **"शंकराचार्य विवादों में फंसे, दीक्षा की फैक्ट्री चला रहे"**

स्वामी यदुनंदन ने शंकराचार्यों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि ज्यादातर शंकराचार्य या तो विवादों में घिरे रहते हैं या योग्यता की कसौटी पर खरे नहीं उतरते। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "कई शंकराचार्यों ने दीक्षा देने की फैक्ट्री खोल रखी है, लेकिन आम जनता से उनका कोई वास्ता नहीं।" उन्होंने धर्म गुरुओं से अपील की कि धर्म आधारित राजनीति करें, न कि सिर्फ अपनी प्रतिष्ठा चमकाने के लिए सियासत में उतरें।

### **"श्रीमद्भागवत कथा अब मनोरंजन और कमाई का जरिया"**

यदुनंदन सरस्वती ने श्रीमद्भागवत कथा के आधुनिक स्वरूप पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "पहले भागवत कथा सुबह-शाम 6-8 घंटे चलती थी, लेकिन अब 3-4 घंटे में निपट जाती है। उसमें भी ज्यादातर समय संगीत और नाच-गाने में बीतता है।" उन्होंने इसे मनोरंजन और आय का साधन बताते हुए चिंता जताई कि कथा कहने की योग्यता को ताक पर रख दिया गया है।

### **"हिंदू धर्म को कभी खतरा नहीं, भारत पहले से हिंदू राष्ट्र"**

हिंदू धर्म के भविष्य पर स्वामी यदुनंदन ने कहा, "जब तक सृष्टि है, सनातन और हिंदू धर्म अटल रहेंगे। कुछ छोटे-मोटे कीड़े-मकोड़े हमारे धर्म को नुकसान नहीं पहुंचा सकते।" हिंदू राष्ट्र की मांग पर उन्होंने जोर देकर कहा, "कैलाश से कन्याकुमारी और कश्मीर से कटक तक यह देश पहले से ही हिंदू राष्ट्र है। इसे कोई बनाए या न बनाए, फर्क नहीं पड़ता। साधु-संत हमेशा सनातन की रक्षा करेंगे।"

### **क्या है बयान का मकसद?**

स्वामी यदुनंदन सरस्वती के इन बयानों ने धर्म, राजनीति और आतंकवाद जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बहस छेड़ दी है। उनके बयान जहां कुछ लोगों के लिए प्रेरणा हैं, वहीं कई के लिए विवाद का कारण बन सकते हैं। क्या यह बयान सनातन धर्म की रक्षा का आह्वान है या सियासी माहौल गरमाने की कोशिश?

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