बीती रात नेशनल हाईवे 27 पर एक भीषण सड़क हादसा उस समय हुआ जब एक तेज रफ्तार कार सामने चल रहे ट्रक के पीछे जा घुसी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और उसके परखच्चे उड़ गए। गाड़ी में सवार ड्राइवर की जान सीटबेल्ट की वजह से बच सकी, हालांकि उसे गंभीर चोटें आई हैं और उसका एक पैर टूट गया है।
घटना देर रात करीब 1:30 बजे की बताई जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार काफी तेज रफ्तार में थी और संभवतः ड्राइवर को झपकी आ गई थी। सामने चल रहे ट्रक के अचानक धीमा होने पर ब्रेक लगाने का मौका नहीं मिला और कार सीधे ट्रक के पिछले हिस्से में जा घुसी। टक्कर के बाद एक जोरदार धमाका हुआ जिससे आसपास के लोग और दूसरे वाहन चालक घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े।
हादसे के बाद पुलिस और एंबुलेंस को तुरंत सूचित किया गया। राहत और बचाव कार्य में लगे अधिकारियों ने बताया कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया था और ड्राइवर गाड़ी में फंसा हुआ था। जेसीबी और गैस कटर की मदद से कार के हिस्से काटकर घायल व्यक्ति को बाहर निकाला गया। उसे तुरंत नजदीकी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसका एक पैर टूट गया है लेकिन उसकी हालत स्थिर है।
हादसे में कार का एयरबैग खुला लेकिन मुख्य रूप से सीटबेल्ट ने ड्राइवर की जान बचाई। यदि उसने सीटबेल्ट नहीं पहनी होती, तो सिर और छाती पर घातक चोटें लग सकती थीं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक जांच के अनुसार, यह हादसा ओवरस्पीडिंग और संभवतः थकान या नींद की वजह से हुआ है। उन्होंने बताया, "ऐसे हादसों से यह स्पष्ट है कि गाड़ी चलाते समय सावधानी बरतना और स्पीड कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी है।"
घटनास्थल पर जमा हुए लोगों ने बताया कि टक्कर की आवाज काफी दूर तक सुनाई दी। एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना था, “ऐसा लग रहा था जैसे कोई विस्फोट हुआ हो। जब पास पहुंचे तो कार का अगला हिस्सा पूरी तरह गायब था और गाड़ी से धुंआ निकल रहा था।”
हादसे के बाद हाईवे पर कुछ देर के लिए यातायात बाधित रहा। ट्रैफिक पुलिस ने तत्काल मोर्चा संभालते हुए सड़क को साफ कराया और ट्रक को साइड में करवाकर वाहनों की आवाजाही सुचारु की।
इस दुर्घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि सीटबेल्ट कितनी अहम होती है, चाहे कार की स्पीड कितनी भी हो या सफर छोटा हो। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में अब भी बहुत से लोग सीटबेल्ट को हल्के में लेते हैं, लेकिन यह छोटी सी सावधानी जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर बन सकती है।
डॉक्टरों की टीम ने भी ड्राइवर की हालत पर संतोष जताया और बताया कि यदि इलाज में कोई जटिलता नहीं आती, तो वह कुछ हफ्तों में सामान्य स्थिति में लौट सकता है।
पुलिस ने इस मामले में औपचारिक एफआईआर दर्ज कर ली है और ट्रक ड्राइवर से भी पूछताछ की जा रही है, हालांकि अभी तक किसी भी पक्ष पर लापरवाही का आरोप तय नहीं किया गया है।
स्थानीय प्रशासन ने हादसे की गंभीरता को देखते हुए लोगों से अपील की है कि वे वाहन चलाते समय नींद और थकान की स्थिति में गाड़ी न चलाएं, स्पीड लिमिट का पालन करें और हमेशा सीटबेल्ट पहनें।
यह हादसा न सिर्फ एक चौंकाने वाली घटना है, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि कुछ बुनियादी एहतियात ही हमारी जान बचा सकती हैं।